- सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बताकर 2.10 लाख रुपये की धोखाधड़ी
- आरोपी ने महिला से दोस्ती की और बाद में उसके बैंक खाते की डिटेल मांगी
- सैलरी अकाउंट से 2.10 लाख रुपये दो के ट्रांजेक्शन मिले
Mumbai Crime News: एक हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में काम करने वाली 28 वर्षीय महिला सिविल इंजीनियर के साथ एक शख्स ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बताकर 2.10 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने महिला से दोस्ती की और बाद में उसके बैंक खाते की डिटेल मांग उसको लाखों का चूना लगा दिया। विक्रोली के सूर्यनगर की रहने वाली प्रियंका सुतार को उनके सैलरी अकाउंट से 2.10 लाख रुपये के दो ट्रांजेक्शन मिले, जिसे आरोपी ने अपने खाते में डाले थे।
पुलिस ने बताया कि प्रियंका सुतार को दो बैंक्स के दो नोटिस मिले तो उसको एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है। आरोपी की पहचान सुजीत कुमार मांजी के तौर पर हुई है। पुलिस के अनुसार शिकायतकर्ता की एक मित्र योगिता गजभिये बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया गेम खेलते समय मांजी से परिचित हुई थी।
आरोपी ठग से पीड़िता की ऐसी हुई दोस्ती
पुलिस ने बताया है कि जब योगिता ने व्हाट्सएप पर आरोपी की प्रोफ़ाइल तस्वीर देखी और इसके बारे में पूछताछ की तो आरोपी ने फिर उसे बताया कि उसका नाम सहज जेलदार है और वह एक कॉन्टेंट क्रिएटर व बॉडी बिल्डर है। वह एक एड-टेक कंपनी में शाखा प्रबंधक के रूप में काम करता है। मई के अंतिम सप्ताह में जेलदार ने योगिता को बताया कि उसका बैंक खाता बंद कर दिया गया था और उसका भुगतान अटक गया है क्योंकि उसके पास सैलरी अकाउंट नहीं है। वहीं जून में आरोपी ने योगिता के साथ प्रियंका सुतार की एक तस्वीर देखी। फिर योगिता ने उसे बताया कि प्रियंका उसकी एक दोस्त है और एक हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में सिविल इंजीनियर है।
इस तरह पता चला ठगी का
पुलिस ने बताया है कि जिसके बाद आरोपी ने प्रियंका से दोस्ती की और उसकी सैलरी स्लिप, पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक स्टेटमेंट मांग ली ताकि यह वेरीफाई कर सके कि उसका सैलरी अकाउंट था या नहीं। इसके बाद प्रियंका को अपने खाते में पैसे जमा होने के 67,000 और 1,46,000 के दो मैसेज मिले। जिसे उसने आरोपी के खाते में ट्रांसफर कर दिया। शिकायतकर्ता को बाद में पता चला कि आरोपी ने उसके नाम पर दो फाइनेंस कंपनियों से 67,000 और 1,46,000 का पर्सनल लोन लिया था और उसका असली नाम सुजीत कुमार मांजी था। बाद में उसने शिकायत दर्ज कराई। जबकि धोखाधड़ी जून और जुलाई में हुई थी, प्रियंका को अगस्त में लोन चुकाने के लिए बैंक नोटिस मिलने के बाद ही इसके बारे में पता चला।