- मुंबई में गैंगरेप का एक फर्जी मामला सामने आया
- पुलिस ने दो नाबालिग भाइयों को सबूतों के अभाव में किया बरी
- पुलिस का दावा आरोप लगाने वाली महिला ने इस मामले में बोला था झूठ
Mumbai Crime News: मुंबई में गैंगरेप का एक फर्जी मामला सामने आया है। बीते दिनों धारावी गैंगरेप मामले में पुलिस ने शुरुआत में गिरफ्तार किए दो नाबालिग भाइयों को सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था। अब पुलिस ने निष्कर्ष निकाला है कि, आरोप लगाने वाली महिला ने इस मामले में झूठ बोला था और कहानी गढ़ी थी क्योंकि वह अपनी शादी से खुश नहीं है।
मामले की जांच करने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि, महिला के मोबाइल फोन की तकनीकी जांच से पता चला है कि, जिस समय का उसने उल्लेख किया था कि उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया था, उस वक्त वह लगातार डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक व्हाट्सएप पर ऑनलाइन थी और किसी से बात कर रही थी।
चाकू की नोंक पर गैंगरेप का आरोप लगाया
पुलिस ने बताया है कि, एक 20 वर्षीय नवविवाहित महिला ने मई में एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि जब उसके पति और ससुर काम के लिए बाहर थे और वह धारावी में अपने चॉल के मेजेनाइन फ्लोर पर अकेली थी तो दो अज्ञात व्यक्ति अंदर घुस गए, उसके हाथ बांध दिए और चाकू की नोंक पर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने यह भी आरोप लगाया था कि, दोनों में से एक ने इस कृत्य को फिल्माया था। उसकी शिकायत के आधार पर, पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और सबूत के लिए सीसीटीवी कैमरों को स्कैन भी किया था।
पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में कोई सबूत नहीं मिला
16 मई को पुलिस ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश करने का दावा किया था। बाद में, लड़कों के पिता, एक सामाजिक कार्यकर्ता वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिले और दावा किया कि लड़के निर्दोष थे। पूछताछ के दौरान, यह पता चला कि दोनों सीसीटीवी कैमरों में कैद धारावी गए थे, लेकिन केवल व्यापार के उद्देश्य से। महिला की मेडिकल रिपोर्ट अनिर्णायक थी। मामले में ए बी समरी रिपोर्ट दायर करते हुए पुलिस ने कहा, पीड़ित ने सीसीटीवी फुटेज में उनकी पहचान की थी और उसके आधार पर हमने लड़कों को गिरफ्तार किया था, लेकिन विस्तृत जांच के बाद, हमें पता चला है कि महिला ने झूठ बोला था। हमने सभी सीसीटीवी फुटेज स्कैन किए हैं, और 17 से 18 लोगों से पूछताछ की है, लेकिन कुछ नहीं मिला। अब हम ए बी समरी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की प्रक्रिया में हैं।' आपको बता दें कि, ए बी समरी रिपोर्ट तब दायर की जाती है जब पुलिस को आरोप पत्र दायर करने के लिए कोई सबूत नहीं मिलता है।