- मुंबई में बीएमसी ने गणपति पूजा को लेकर कई प्रतिबंध लागू किए हैं
- पीओपी निर्मित गणेश की मूर्तियां आर्टिफिशियल पॉन्ड में विसर्जित करनी होगी
- 2023 में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनीं मूर्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाएगा
Mumbai Ganpati Puja News: इस बार मायानगरी मुंबई में बीएमसी ने गणपति पूजा को लेकर कई प्रतिबंध लागू किए हैं। जिसके तहत पांडालों व घरों में गणपति पूजा को लेकर सजाई जाने वाली भगवान गजानन की पीओपी से निर्मित प्रतिमाओं को समुद्र में विसर्जित करने के बजाय मानव निर्मित तालाबों में विसर्जित करनी होगी। इसके लिए बाकायदा बीएमसी की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं।
इस मामले को लेकर बीएमसी के अधिकारियों की ओर से विज्ञप्ति जारी कर बताया गया है कि आगामी 2023 में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनीं मूर्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। हालांकि गत माह बीएमसी की ओर से गणेश पूजा के तहत शहर में बनने वाली पीओपी की मूर्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था।
2023 तक पीओपी की मूर्तियां होगी पूर्ण निषेध
अब राजधानी की कई गणपति पूजा समितियों व सामाजिक संस्थाओं के साथ हुई बैठक के बाद प्रतिबंध हटा दिया गया है। हालांकि इस वर्ष पीओपी से बनीं मूर्तियां बेचने व खरीदने की अनुमति दी गई है। आपको बता दें कि बीएमसी की ओर से जारी निर्देशों के तहत पूजा को लेकर बनाई जाने वाली गणेश की मूर्तियों पर पीओपी से बनीं है ये लिखना भी अनिवार्य किया गया है। अगले साल बीएमसी की जद में आने वाले इलाकों में पीओपी से बनीं मूर्तियां पूर्ण निषेध रहेगी।
मूर्तियों की ऊंचाई 2 फीट रहे
पीओपी से बनीं मूर्तियों को लेकर बीएमसी जोन सेकेंड के डिप्टी कमिश्रर हर्षद काले की ओर से इस वर्ष गणपति पूजा के दौरान घरों व पांडालों में सजाई जाने वाली प्रतिमाओं की ऊंचाई दो फीट से अधिक नहीं रखने की अपील की गई है। उन्होंने बताया कि बीएमसी की ओर से दी जाने वाली अनुमति के लिए सिंगल नागरिक निकाय विंडो के जरिए ऑनलाइन परमिशन जारी की जाएगी। बीएमसी की ओर से तर्क दिया गया है कि समुद्र में पीओपी की मूर्तियां विसर्जित करने के चलते इको सिस्टम प्रभावित हो रहा है। समुद्री जीवों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है।