- मुंबई पुलिस ने निर्भया दस्ते की स्थापना की
- साकीनाका कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास पहल
- महिलाओं को हिफाजत के लिए बनी टीम में तकनीकी तौर पर दक्ष पुलिस वाले भी शामिल
साकीनाका रेप और मर्डर केस के बाद मुंबई पुलिस निशाने पर थी। उस केस में पुलिस ने राजफाश का दावा करते हुए कहा कि आर्थिक विवाद वारदात की वजह थी। लेकिन उस घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए मुंबई पुलिस की तरफ से निर्भया दस्ते की स्थापना की गई है। इस दस्ते को जरूरी सुविधाओं को मुहैया कराने के साथ साथ उसे महिलाओं और लड़कियों की हिफाजत की जिम्मेदारी दी गई है।
महिलाओं को सुरक्षा देने की खास पहल
स्कूल, कॉलेज और नौकरी के कारण घर से बाहर रहने वाली लड़कियों और महिलाओं को फोन कॉल या मैसेज, ई-मेल और अन्य सोशल मीडिया का उपयोग करके परेशान किया जाता है। निर्भया दस्ते का गठन समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना पैदा करने और कानून का भय पैदा करने के साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न और उत्पीड़न के उन्मूलन के उद्देश्य से किया जा रहा है।
निर्भया दस्ते की खासियत
मुंबई पुलिस इस दस्ते के लिए दिशानिर्देशों की एक सूची जारी करती है जिसमें शामिल हैं -हर थाने में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना की जाए।हर थाने के मोबाइल-5 गश्ती वाहनों को बुलाया जाए "निर्भया पाठक"थाने के निर्भया दस्ते के नोडल/डब्ल्यू पर्यवेक्षी अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। इस निर्भया दस्ते में 1 महिला पीएसआई या एएसआई रैंक की अधिकारी, 1 महिला और 1 पुरुष कांस्टेबल और एक ड्राइवर शामिल होगा।इस दस्ते को दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।