- औरंगाबाद शहर के एक बाजार में 12 घंटे तक एक तख्ती लेकर खड़े रहे अमर वानखेड़े
- राज्य में सात महीनों से लाइव शो और संगीत कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहे हैं
- हमें भीख न दें, कलाकार को बचाएं, कला को बचाएं- संगीतकार
मुंबई/औरंगाबाद: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगे प्रतिबंधों के कारण रोजी रोटी से हाथ धोने वाले एक संगीतकार ने आजीविका के लिए महाराष्ट्र सरकार से कलाकारों को लाइव संगीत कार्यक्रम और शो आयोजित करने की अनुमति देने की अपील की है। ऑर्केस्ट्रा शो में सिंथेसाइजर बजाकर अपना जीवन यापन करने वाले अमर वानखेड़े शनिवार को औरंगाबाद शहर के एक बाजार में 12 घंटे तक एक तख्ती लेकर खड़े रहे, जिसमें लिखा था- ‘हमें भीख न दें, कलाकार को बचाएं, कला को बचाएं।’
लॉकडाउन लागू होने के कारण पूरे राज्य में लाइव संगीत कार्यक्रम और संगीत प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
बहुत से लोग इस आजीविका पर हैं निर्भर
वानखेड़े के पास कमाई का कोई दूसरा साधन नहीं होने के कारण वह यहां के कनॉट इलाके में एक सड़क पर निकले, ताकि लोगों को उनके जैसे कलाकारों की दुर्दशा समझ में आए। उन्होंने कहा, 'पिछले सात महीनों से लाइव शो और संगीत कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा रहे हैं। बहुत से लोग अपनी आजीविका के लिए इस पेशे पर निर्भर हैं।' कलाकार ने कहा, ‘हमें सरकार से कोई प्रोत्साहन या सहायता नहीं चाहिए। हमें केवल अपने काम को फिर से शुरू करने की अनुमति चाहिए।’
पुणे के कलाकार ने की थी आत्महत्या
वानखेड़े ने कहा कि उन्हें यह भी पता चला है कि पुणे के एक कलाकार ने 10-15 दिन पहले आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने कहा, 'सरकार कई क्षेत्रों में गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) बना रही है। अगर हमें अपने काम को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाती है तो हम इसके सभी मानदंडों का पालन करेंगे और सभी सावधानियां बरतेंगे।’ वानखेड़े ने लोगों से उनके जैसे कलाकारों को बचाने के लिए एक ऑनलाइन अभियान चलाने की भी अपील की। वानखेड़े ने कहा, 'हमें अगले महीने से काम फिर से शुरू करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है, अन्यथा हमें अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करना होगा।'