- पनवेल रेल टर्मिनस का 70 फीसदी कार्य पूरा
- यहां पर शिफ्ट किया जाएगा साऊथ का ट्रैफिक
- यहां से चलेंगी 26 कोच वाली लंबी ट्रेनें
Panvel Rail Terminus: मुंबई में सीएसएमटी, एलटीटी के बाद मध्य रेलवे अब तीसरा रेल टर्मिनस पनवेल में तैयार हो रहा है। इसका करीब 70 फीसदी कार्य पूरा हो गया है। इसका निर्माण नवी मुंबई और एमएमआर की बढ़ती आबादी के साथ मुंबई के टर्मिनस पर रेल यात्रियों का बोझ कम करने के उद्देश्य से हो रहा है। इसके शुरू होने के बाद मुंबई स्टेशन पर होने वाली भीड़ में कमी आएगी। इस टर्मिनस को सितंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके बाद यह यात्रियों के लिए खुल जाएगी।
इस टर्मिनस के शुरू होने के बाद कोंकण और साऊथ की तरफ जाने वाले यात्रियों की भीड़ यहां पर डायवर्ट होगी। इससे मुंबई के स्टेशनों पर भार कम होगा। मध्य रेलवे इस स्टेशन को कोंकण और दक्षिण भारत के लिए छूटने वाली गाड़ियों का प्रमुख केंद्र बनाना चाहता है। यह नवी मुंबई और एमएमआर का पहला रेल टर्मिनस होगा। बता दें कि इसके पहले ठाणे और मुलुंड के बीच टर्मिनस बनाए जाने की मांग जोर-शोर से उठाई गई थी, लेकिन भूखंड के अभाव में यहां निर्माण नहीं हो पाया।
वित्त वर्ष 2016-17 में मिली भी इस परियोजना को मंजूरी
बता दें कि रेलवे द्वारा इस परियोजना को वित्त वर्ष 2016-17 में मंजूरी दी गई थी। इस टर्मिनस परियोजना में रेलवे द्वारा 26 कोच लंबाई का नया प्लेटफार्म, यात्रियों के लिए एक एफओबी और अन्य सुविधाओं के साथ 1500 वर्गमीटर का नया स्टेशन भवन बनाया जा रहा है। वहीं कलंबोली रखरखाव केंद्र में रेलवे द्वारा चार वाशिंग-कम-पिट लाइन, 26 कोच लंबाई की दो लाइनें, ट्रेनों के लिए एंट्री व एग्जिट लाइन के अलावा रखरखाव शेड भी बनाया जाना प्रस्तावित है।
पनवेल टर्मिनस और इसके काम्बोली कोचिंग कॉम्प्लेक्स को एक अलग तीसरी लाइन से जोड़ा जाएगा। मध्य रेलवे का अगला लक्ष्य नए टर्मिनस से 24 डिब्बों की नई ट्रेनों का संचालन करना है। इस परियोजना पर चल रहे कार्य के तहत पनवेल और कलंबोली के बीच अब तक सभी छोटे पुलों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। इसके साथ ही कलंबोली में रखरखाव शेड और स्टेशन की इमारत का काम भी पूरा हो चुका है। बाकि बचे कार्य को एक टाइम लाइन के अनुसार खत्म करने की प्रक्रिया चल रही है।