- महाराष्ट्र सरकार ने सार्वजिनक जगहों पर धूम्रपान को दंडनीय घोषित किया
- जुर्माने के साथ साथ एक दिन की करनी होगी जनसेवा
- कोरोना संक्रमण को देखते हुए लिया महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया
मुंबई। देश में कोविड-19 के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में आने पर राज्य सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, बीड़ी-सिगरेट पीने और तंबाकू उत्पादों के सेवन को दंडनीय अपराध बना दिया है।स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने एक बयान में यह घोषणा की।उन्होंने कहा कि पहली बार इस नियम का उल्लंघन करन वाले को 1000 रूपये जुर्माना भरना होगा तथा एक दिन जनसेवा करनी होगी।
थूकने और जुर्माने का प्रावधान
महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि दूसरी बार उल्लंघन करने पर व्यक्ति को 3000 रूपये जुर्माना भरना होगा और तीन दिन तक जनसेवा करनी होगी।उन्होंने कहा, ‘‘ उसके बाद जुर्माना 5000 रूपये होगा और पांच दिन जनसेवा करनी होगी।’’टोपे ने कहा कि इसके अलावा, बंबई पुलिस अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के अनुसार छह माह लेकर दो साल तक कैद होगी या जुर्माना होगा।शुक्रवार तक महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के कुल मामले 62,228हो गये थे। उनमें से 2098 मरीजों की मौत हो गयी थी।
अमरावती में कोरोना संक्रमितों की तादाद 210
महाराष्ट्र के अमरावती जिले में कोविड-19 संक्रमण के सात नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 210 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि नए मामलों में फ्रीजरपुरा, रतनगंज और मसानगंज के दो-दो संक्रमित मरीज है। जबकि सातवां मामला अंबा गेट का है।
अधिकारी ने कहा, “मसानगंज जिले का सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है जहां कुल 32 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 14 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं जबकि एक की मौत हो गई।
'कोरोना का प्रसार न हो तो ही कराएं परीक्षा'
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बात की और कहा कि यह सुनिश्चित करते हुए परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए कि इससे कोरोना वायरस का प्रसार नहीं होगा।एक आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है कि यह स्पष्ट हो रहा है कि जुलाई में परीक्षाएं नहीं हो सकती हैं, लेकिन इस संबंध में अनिश्चितता समाप्त होनी चाहिए और सभी विकल्पों का पता लगाया जाना चाहिए।तकनीकी और उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत, राज्य मंत्री प्रजाक्त तानपुरे, मुख्य सचिव अजय मेहता और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लिया।
ठाकरे ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एक भी छात्र कोरोना वायरस से संक्रमित न हो। परीक्षा की सटीक विधि और कार्यक्रम तय कर छात्रों और अभिभावकों की चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए।’’