- मुंबई में पांच कोरोना मरीज वाली इमारतें होंगी सील
- पुलिस का एक शख्स सील्ड इमारतों की निगरानी करेगा
- महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा आ रहे हैं कोरोना केस
देश इस समय कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। देश के सभी सूबों में ऑक्सीजन की कमी, दवाई की किल्लत खास समस्या बन गई है। बात अगर महाराष्ट्र और दिल्ली की करें तो तस्वीर भयावह है। मुंबई और दिल्ली में कोरोना के मामलों में जबरदस्त इजाफा हो रहा है। उसे देखते हुए मुंबई में कुछ खास व्यवस्था की गई है।
जिस इमारत में पांच कोरोना मरीज वो होगी सील
मुंबई पुलिस के पीआरओ एस चैतन्या का कहना है कि जिस किसी भी बिल्डिंग में कोरोना के पांच मरीज मिलेंगे उन्हें सील किया जाएगा और उसकी निगरानी के लिए एक पुलिस अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाएगी। बीएमसी के कमिश्नर इकबाल चहल का कहना है कि सोमवार को मुंबई में केस में कमी आई है और उसका आंकड़ा 3792 है, निश्चित तौर पर यह अच्छी खबर है, करीब 41 हजार टेस्ट किए गए है, पिछले कुछ हफ्तों में पहली बार पॉजिटिविटी रेट 10 फीसद से कम है।
राहत देने वाली जानकारी
गुजरात में जामनगर से तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन के साथ तीन टैंकर लेकर एक ट्रेन सोमवार को मुंबई के पास कलंबोली पहुंची।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि करीब 44 टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन के साथ 17 घंटे से अधिक समय में करीब 860 किलोमीटर दूरी तय करते हुए ट्रेन पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे नवी मुंबई के कलंबोली पहुंची। प्रत्येक टैंकर में करीब 15 टन तरल ऑक्सीजन है।कोविड-19 के मामलों में तेज बढ़ोतरी के कारण तरल ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे महाराष्ट्र में यह दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस पहुंची है।
पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस सात टैंकर में ऑक्सीजन लेकर 23 अप्रैल को विशाखापत्तनम से राज्य पहुंची थी। इनमें से चार टैंकरों को नासिक में और तीन टैंकरों को नागपुर में उतारा गया था।पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे द्वारा संचालित यह पहली ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ है। रेलवे ने ट्रेन के सुगम सफर के लिए ‘ग्रीन कॉरिडोर’ तैयार किया।अधिकारियों ने बताया कि जामनगर में रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा तीन ऑक्सीजन टैंकरों की आपूर्ति की गयी।