- मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया
- देशमुख ने कथित रूप से पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपए वसूलने का टार्गेट दिया था
- सचिन वाजे ने अपने दर्ज बयान में अनिल देशमुख तक रकम पहुंचाने की बात स्वीकार की है
मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को गिरफ्तार कर लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोमवार को करीब 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार किया। ईडी आज उन्हें कोर्ट के सामने पेश करेगी और राज्य के पूर्व गृह मंत्री की हिरासत मांगेगी। मनी लॉन्ड्रिंग केस में यह बड़ी गिरफ्तारी है। इसके पहले ईडी देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे एवं निजी सचिव संजीव पलांदे को गिरफ्तार कर चुकी है। देशमुख की गिरफ्तारी के बाद शिवसेना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आक्रामक हो सकती है। आइए यहां जानते हैं कि देशमुख की गिरफ्तारी की आधार क्या बना-
पुलिस इंस्पेक्टर वाजे की बहाली पर उठे सवाल
मुंबई पुलिस में सचिन वाजे की बहाली हुई और देशमुख ने वाजे से कथित रूप से 2 करोड़ रुपए की मांग की। देशमुख ने कहा कि कई वर्षों के बाद कई नेताओं ने वाजे की बहाली पर आपत्ति उठाई लेकिन उन्होंने कार्रवाई करने में अपनी असमर्थता जताई। बाद में कथित रूप से देशमुख के निर्देशों पर वाजे ने दो अलग-अलग मौकों पर सहयाद्रि गेस्ट हाउस के बाहर 16 बैग्स में 4.6 करोड़ रुपए सौंपे।
वाजे ने रकम देने की बात कबूली
बताया जाता है कि इस रकम को देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे ने लिए। इस मामले में ईडी ने गत सितंबर में चार्जशीट दाखिल की और जेल में वाजे का बयान दर्ज किया। अपने बयान में वाजे ने कबूला कि जनवरी 2021 को उसने पांच बैग्स में 1.6 करोड़ रुपए सौंपने के लिए सहयाद्रि गेस्टहाउस गया। यहां पर देशमुख की मर्सिडीज कार में कुंदन शिंदे रुपए लेने आया।
कथित रूप से रेस्तरां मालिकों से वाजे ने रकम वसूली
इसके एक महीने बाद वाजे ने कथित रूप से 11 बैग्स में तीन करोड़ रुपए सौंपे। बताया जाता है कि वाजे ने यह रकम मुंबई के रेस्तरां मालिकों से वसूली थी। देशमुख ने कथित रूप से वाजे से रेस्तरां मालिकों से प्रत्येक महीने 100 करोड़ रुपए का 'हफ्ता' वसूलने के लिए कहा था। गत जुलाई में ईडी ने देशमुख की 4.2 करोड़ रुपए की संपत्ति जप्त की। इस मामले में महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब का भी बयान दर्ज हुआ है। आरोप यह भी कि उस समय मुंबई पुलिस में 10 डीसीएसपी के ताबदले में 40 करोड़ रुपए लिए जा रहे थे लेकिन इस बारे में ईडी ने न तो डीसीएसपी का बयान दर्ज किया और न ही कोई साक्ष्य प्रस्तुत किया।
परमबीर सिंह ने भी देशमुख पर आरोप लगाए
ईडी ने अपने सामने पेश होने के लिए देशमुख को कई बार कहा था लेकिन वह पेशी से बचते आ रहे थे। ईडी कथित रूप से 100 करोड़ रुपए के फिरौती मामले की जांच कर रही है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने भी देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि, देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों को हमेशा इंकार किया है।