- मुंबई वसूली कांड में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है
- जांच एजेंसी ने कहा है कि जांच को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करने की कोशिश हुई
- सीबीआई ने अपने हलफनामे में परमबीर सिंह-संजय पांडे की बातचीत का हवाला दिया है
दिल्ली : मुंबई वसूली कांड में बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हफलनामा में चौंकाने वाली कई बातें कही गई हैं। इस हलफनामे में कहा गया है कि वसूली कांड में उसकी जांच को प्रभावित करने की कोशिश की गई। सीबीआई के हलफनामे की एक कॉपी टाइम्स नाउ नवभारत के पास है। सीबीआई ने इस हलफनामे में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह एवं संजय पांडे की बातचीत का जिक्र किया है। सीबीआई का कहना है कि उसकी जांच में बाधा पहुंचाने की कोशिश हुई।
जांच में कई तरह की रुकावटें आईं-सीबीआई
एजेंसी ने कहा है कि उसकी जांच में कई तरह की रुकावटें पेश आईं जिनका संज्ञान लिया जाना चाहिए। गत 24 नवंबर को ही टाइम्स नाउ ने परमबीर सिंह एवं संजय पांडे के बीच हुई बातचीत का खुलासा किया था। हलफनामे में बताया गया हैकि वसूली कांड में कैसे परमबीर सिंह संलिप्त हैं। इसमें सचिन वाझे, संजय पांडे सहित कई नामों का जिक्र किया गया है।
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परमबीर सिंह-संजय पांडे की बातचीत का जिक्र किया
सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि इस वसूली केस की निष्पक्ष जांच हो। इसीलिए कोर्ट ने परमबीर सिंह को राहत देते हुए उन्हें जांच में सहयोग करने के लिए कहा। हालांकि, जांच एजेंसी ने परमबीर सिंह एवं संजय पांडे के बीच वाट्सएप पर हुई बातचीत को हवाला देते हुए कहा है कि जांच को पटरी से उतारने एवं अलग-अलग तरह से उसमें बाधा बहुंचान की कोशिश की गई है। इस खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता राम कदम ने कहा कि वसूली कांड में महाराष्ट्र सरकार की संलिप्तता सामने आ गई है। वही लोग जांच में बाधा डाल रहे हैं। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार में शामिल तीनों दिल सीबीआई की जांच में अड़ंगा एवं बाधा डाल रहे हैं।