- साल 2030 तक एयर स्पोर्ट्स हब बनाने की तैयारी है।
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रॉफ्ट पॉलिसी जारी की है, जिस पर 31 जनवरी तक सुझाव भेजे जा सकते हैं।
- नई नीति से देश के विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटन, इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार बढ़ने की उम्मीद है।
नई दिल्ली: भारत को एयर स्पोर्ट नेशन बनाने की तैयारी है। इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एक नेशनल एयर स्पोर्ट पॉलिसी (राष्ट्रीय वायु खेल नीति) लाने जा रहा है। जिसके जरिए देश में एरोबेटिक्स, एरो मॉडलिंग, अमेच्योर-बिल्ट , बैलूनिंग, ड्रोन, ग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग और पैराग्लाइडिंग, माइक्रोलाइटिंग और पैरामोटरिंग, स्काइ डाइविंग और विंटेज विमान से जुड़े खेलों को प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार, नई नीति के जरिए 2030 तक भारत को एयर स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित करना चाहती है।
क्या है योजना
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार भारत में एयर स्पोर्ट्स की दुनिया में अग्रणी देशों में शामिल होने की क्षमता है। भारत की विविध भौगोलिक स्थिति और अनुकूल मौसम से एयर स्पोर्ट्स खेलों के विकास की बेहतरीन संभावना है। साथ ही युवाओं में एडवेंचर स्पोर्ट्स के प्रति आकर्षण भी बढ़ रहा है। मंत्रालय को उम्मीद है कि इसके जरिए आय बढ़ने के साथ-साथ, पहाड़ी क्षेत्रों में , पर्यटन, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थानीय रोजगार बढ़ने की पूरी संभावना है।
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2030 तक ये है प्लानिंग
-सरकार नई नीति के जरिए एरोबोटिक्स, एरोमॉडलिंग, अमेच्योर-बिल्ट और प्रायोगिक विमान, बैलूनिंग, ड्रोन, ग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग और पैराग्लाइडिंग; माइक्रोलाइटिंग और पैरामोटरिंग; स्काइडाइविंग और विंटेज विमान से जुड़े खेलों को बढ़ावा देगी।
-इसके लिए एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएसएफआई) को सर्वोच्च निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया या स्काई डाइविंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया आदि जैसे एसोसिएशन रोजमर्रा की गतिविधियों का प्रबंधन करेंगे।
-उपकरणों के घरेलू डिजाइन, विकास और मैन्युफैक्चरिंग पर जोर रहेगा।
- स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रम में इन खेलों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
नई नीति को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रॉफ्ट पॉलिसी जारी की है, जिस पर 31 जनवरी तक सुझाव भेजे जा सकते हैं। जिसके आधार पर फाइनल पॉलिसी जारी की जाएगी।
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