- IIT रोपड़,IIT कानपुर और दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज ने पौधे पर आधारित एयर प्यूरीफायर विकसित किया है।
- Ubreathe Life प्यूरीफायर से 150 वर्गफीट क्षेत्र वाले किसी कमरे का AQI 15 मिनट में 311 के स्तर से गिर कर 39 तक हो जाता है
- पीस लिली, स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट आदि का इस्तेमाल एयर प्यूरीफायर में किया जाता है।
नई दिल्ली। आने वाले समय में आप पत्तेदार एयर प्यूरीफायर को अपने घरों, ऑफिस आदि जगहों पर रख सकेंगे। यह अत्याधुनिक 'स्मार्ट बायो-फिल्टर' है जो सांसों को ताजा कर सकता है। प्यूरीफायर किसी भी बिल्डिंग के भीतर हवा में मौजूद कण, गैसीय और जैविक दूषित पदार्थों को हटाकर हवा की गुणवत्ता में बेहद प्रभावी तरीके से सुधार करता है। इस एयर प्यूरीफायर को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ की स्टार्टअप कंपनी, अर्बन एयर लेबोरेटरी ने विकसित किया है। स्टार्टअप का दावा है कि यह दुनिया का पहला अत्याधुनिक 'स्मार्ट बायो-फ़िल्टर' है जो सांसों को ताजा कर सकता है।
कैसे हुआ विकसित
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ और कानपुर के युवा वैज्ञानिकों और दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज ने एक पौधे पर आधारित एयर प्यूरीफायर को विकिसित किया है। जिसका नाम "यूब्रीद लाइफ" रखा गया है। और इसे इसे आईआईटी रोपड़ में इनक्यूबेट किया गया है। आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रो. राजीव आहूजा, का दावा है " 'यूब्रीद लाइफ' का इस्तेमाल करने के बाद 150 वर्गफीट क्षेत्र वाले किसी कमरे का एक्यूआई (AQI) 15 मिनट में 311 के स्तर से गिर कर 39 तक हो जाता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यूब्रीद लाइफ गेम चेंजर साबित हो सकता है।" एयर प्यूरीफायर के लिए पेंटेंट लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
कैसे काम करता है यह एयर प्यूरीफायर
यूब्रीद लाइफ' एक विशेष रूप से डिजाइन लकड़ी के बक्से में फिट फिल्टर है। जिसे विशेष तरह के पौधों, अल्ट्रा वायलेट (यूवी) कीटाणुशोधन और प्री-फिल्टर, चारकोल फिल्टर और उच्च दक्षता वाले एचईपीए के इस्तेमाल से बनाया गया है। इसमें एक सेंट्रीफ्यूगल पंखा लगाया गया है। विशेष पौधों के तहत, पीस लिली, स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट आदि का इस्तेमाल किया जाता है।
इसकी तकनीकी में कमरे की हवा पत्तियों के साथ संपर्क करती है और मिट्टी-एवं जड़ वाले क्षेत्र में जाती है। जहां ज्यादा से ज्यादा प्रदूषक (Pollutants) को शुद्ध किया जाता है। नई तकनीक को 'अर्बन मुन्नार इफेक्ट' कहा जाता है। जिसमे "ब्रीदिंग रूट्स" द्वारा पौधों की फाइटोरेमेडिएशन प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाया जाता है। और उस वजह से कमरे की हवा साफ हो जाती है।