- भीषण गर्मी में पावर कट से परेशान लोग
- बिजली जाने की वजह से चलाना पड़ रहा जनरेटर
- नेफोवा ने की NPCL के वाइस प्रेजिडेंट से मुलाकात
Power Cut : गर्मियां शुरू होते ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बिजली के झटके लगना काफी तेज हो गया है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासी आए दिन बिजली कटौती और डीजल जनरेटर के भारी भरकम बिल से परेशान हैं। इसके साथ ही बार-बार बिजली ट्रिप होने से घेरलू उपकरण भी खराब हो रहे हैं। आए दिन निवासी बिजली कटौती की समस्याओं को सोशल मीडिया और अन्य माध्यम से उठा रहे ।
नेफोवा ने की एनपीसीएल के वाइस प्रेजिडेंट से मुलाकात
इसी को लेकर शुक्रवार को चेरी कॉउंटी स्थित एनपीसीएल के दफ्तर में नेफोवा के बैनर तले ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासियों ने एनपीसीएल के वाइस प्रेजिडेंट सारनाथ गांगुली से मिले। मुलाकात में निवासियों ने आए दिन होने वाले बिजली कटौती समस्याओं से अवगत कराया और इनके निस्तारण का उपाय पूछा। सभी निवासियों ने बिल्डरों द्वारा लिए गए कम इलेक्ट्रिक लोड और बांटे गए अधिक लोड के घपलेबाजी पर एनपीसीएल को अवगत कराते हुए इसे रोकना का उपाय पूछा। सोसाइटियों में एनपीसीएल के मल्टी-पॉइंट कनेक्शन ना देने के कारण भी पूछा।
क्या है बिजली कटौती का मुख्य कारण
NPCL के वाइस प्रेजिडेंट सारनाथ गांगुली ने बताया कि, शहर में NPCL का इंफ्रास्ट्रक्चर अपने लोड से ज्यादा लोड संभाले हुए है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जितनी बिजली की मांग है, यहां उपलब्ध फीडरों से उतना सप्लाई दे पाना संभव नहीं हो रहा। नोएडा सेक्टर-123 का सब-स्टेशन तैयार होने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट को 100 मेगावाट बिजली मिलनी थी, जिससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गर्मियों का पीक लोड की मांग भी पूरी हो जाती। परन्तु सेक्टर-123 का सब-स्टेशन तैयार करने वाले कॉन्ट्रैक्टर और UPTCL के बीच विवाद की वजह से जो काम जनवरी-फरवरी में पूरा हो जाना चाहिए था, जो अभी तक नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि बिजली सप्लाई अगर कम हो तो कोशिश रहती है कि, सबसे कम कटौती ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सोसाइटियों में किया जाए।
ट्रिपिंग का डाटा जनता से शेयर करेगा NPCL
बार-बार ट्रिपिंग के मामले में सारनाथ गांगुली ने अपनी टीम और सोसाइटी निवासियों के बीच अलग से बैठक करवाने की बात कही है। जिसमे NPCL यह डेटा उपलब्ध कराएगा कि अमुक सोसाइटी में पिछले 2-3 महीनो में NPCL की तरफ से कितने बार और कितने कितने देर के लिए बिजली कटौती हुई। सोसाइटी निवासी उस डेटा को अपने सोसाइटी के रजिस्टर से मिलाएंगे कि विगत दिनों हुए बिजली कटौती NPCL की तरफ से था या बिल्डर की तरफ से।
बिल्डर को देना होगा भुगतान
कम लोड लेना और लिए गए लोड का कई गुना बिजली इस्तेमाल करने के ऊपर सारनाथ गांगुली ने अपनी टीम को सख्त लहजे में पिछले 6 महीनों का मासिक बिल निकालने और लोड की खपत देखने को कहा है। जिन भी सोसाइटियों में लगातार 3 महीने लिए गए लोड से कहीं ज्यादा खपत हो रहा, वहां उस तीन महीने से अधिकतम उपयोग किये गए लोड तक सोसाइटी या बिल्डर का लोड बढ़ाया जाएगा। जिसका भुगतान बिल्डर करेगा।
मल्टी-पॉइंट कनेक्शन पर हुई चर्चा
मल्टी पॉइंट कनेक्शन के मामले में उन्होंने बताया कि शहर में कई ऐसी सोसाइटियां हैं। जहां का इंफ्रास्ट्रक्चर तय मानकों के मुताबिक नहीं, ऐसे में उन सोसाइटियों में मल्टी-पॉइंट कनेक्शन देना तब तक संभव नहीं जब तक अंदरूनी इंफ्रास्ट्रक्चर ना बदला जाए। सारनाथ ने यह भी बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कई सोसाइटियां हैं। जहां के इंफ्रास्ट्रक्चर मनको के अनुरूप हैं, वहां लोग फॉर्म भरकर जमा करे या ऑनलाइन फॉर्म भरें। आवेदनों की एक तय संख्या होते ही उन सोसाइटियों में मल्टी-पॉइन्ट कनेक्शन दिया जाएगा।
इस बैठक में विभिन्न सोसाइटियों से नेफोवा सदस्य मनीष कुमार, दीपांकर कुमार, राहुल गर्ग, रंजना भरद्वाज, सागर चौधरी, संजीव सक्सेना, राजकुमार, राकेश रंजन, दीपक गुप्ता, नवल किशोर, सुहैल अकबर, मृतुन्जय कुमार, सागर सरकार, सुमित मलिक, कपिल भाटी और सतीश दीक्षित आदि मौजूद रहे।