- नोएडा में ऊंची रेजिडेंशियल बिल्डिंगों का होगा सेफ्टी ऑडिट
- किसी भी तरह के हादसों से हो पाएगा बचाव
- प्राधिकरण ऐसी नियामवली पेश करने जा रहा है
Noida News: दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में बहुत जल्दी ऊंची रेजिडेंशियल बिल्डिंगों का सेफ्टी ऑडिट शुरू होगा। इसके लिए अभी प्राधिकरण में कोई नियमावली नहीं है। प्राधिकरण आगामी बोर्ड बैठक में एक नियमावली पेश करने जा रहा है। इस नियमावली के जरिए आवासीय भवनों के सुरक्षा ऑडिट से जुड़े दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी जा सकती है। बैठक की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक, यह जल्द होगी।
खास बात यह है कि, उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के मुताबिक, पांच सालों तक इमारत के रखरखाव या निर्माण से जुड़ी समस्याओं के लिए बिल्डर जिम्मेदार हैं। इससे पुरानी इमारतों की जिम्मेदारी किस पर होगी, यह नई नियमावली से तय हो जाएगा। गुरुग्राम हादसे के बाद उठी नियमों की मांग पिछले महीने गुरुग्राम में एक हाउसिंग सोसाइटी की कई मंजिल गिर गई थीं। उस हादसे के बाद अपार्टमेंट मालिकों ने सुरक्षा ऑडिट करवाने की मांग की थी।
नोएडा प्राधिकरण सीईओ ने दिए दिशा-निर्देश
नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रितु माहेश्वरी ने नगर नियोजन विभाग को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करने का आदेश दिया है। इन दिशा-निर्देशों को पहले आगामी बोर्ड बैठक में मंजूरी दी जाएगी और फिर जमीन पर लागू किया जाएगा। इस मसले को लेकर माहेश्वरी ने कहा कि, यह दिशा-निर्देश प्रत्येक हितधारक की भूमिका को परिभाषित करेंगे। नए नियम के तहत दिशानिर्देश अब नए नियम जवाबदेही तय करेंगे दिशानिर्देश यह भी परिभाषित करेंगे कि पुराने भवनों में सुरक्षा ऑडिट का ध्यान कौन रखेगा ? जहां डेवलपर ने अपार्टमेंट मालिकों के संघ को रखरखाव का काम सौंपा है, वहां किसकी जिम्मेदारी रहेगी ? उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (यूपी-रेरा) मानता है कि, अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) को बिल्डरों के बजाय इमारतों की सुरक्षा ऑडिट का ध्यान रखना चाहिए।
इमारत 5 साल से कम पुरानी है तो
यूपीआरईआरए के अध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि, यूपी रेरा के अधिनियम में कहा गया है कि, अगर इमारत पांच साल से कम पुरानी है, तो घर खरीदारों को रखरखाव या संरचनाओं की सुरक्षा से संबंधित मामलों में रेरा के सामने शिकायत दर्ज करने का अधिकार है। अगर इस समयावधि में हमें कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो हम मौजूदा नियमों के अनुसार, इस मुद्दे का समाधान करेंगे।
ग्रेटर नोएडा में भी उठी ऐसी मांग
नोएडा प्राधिकरण दिशानिर्देश तैयार कर रहा है ताकि संरचनाओं की सुरक्षा और आवासीय भवनों के रखरखाव से संबंधित सभी मामलों को ठीक से निस्तारित किया जा सके। इन दिशा-निर्देशों को मंजूरी मिलने के बाद बिल्डर या एओए कानूनी दायरे में आ जाएंगे। नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन (NEFOWA) के उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने कहा कि, हमने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से भी सुरक्षा ऑडिट की मांग की है, क्योंकि वर्तमान में बिल्डर नए भवनों में जिम्मेदारी से बचते हैं। आपको बता दें कि, नोएडा प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक, केवल नोएडा शहर में कम से कम 700 ऊंची इमारतें हैं।