- मदिरों में इस्तेमाल होने वाले फूल से बनाई जाएंगी खास सामग्री
- नोएडा प्राधिकरण की गाड़ियां 33 मंदिरों से करेंगी फूल इकट्ठा
- फूलों से बनेगी अगरबत्ती, सेक्टर-34 के नारी निकेतन में होंगी एकत्रित
Noida Authority News: नोएडा के मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों को जहां पहले फेंक दिया जाता था, वहीं अब उन फूलों का इस्तेमाल करके अगरबत्ती बनाई जाएगी। जिसका इस्तेमाल भी पूजा-पाठ के लिए ही किया जाएगा। बता दें कि चढ़ाए जाने वाले फूलों को अक्सर कचरे में डाल दिया जाता है। जिसको लेकर नोएडा में बीते लंबे समय से मंदिर से जुड़ी समितियां यह मांग कर रही थी की मंदिरों के फूलों कि कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए कि वो कचरे में न मिले। जिसको देखते हुए नोएडा विकास प्राधिकरण ने फूलों से अगरबत्ती बनाने की खास योजना बना ली है। जिसपर अब काम किया जा रहा है।
बता दें कि नोएडा प्राधिकरण के प्लान के अनुसार शहर के मंदिरों से निकलने वाले फूल और पूजा से जुड़ी दूसरी सामग्री को लेने के लिए अलग से गाड़ियों कि सुविधा जल्द शुरू की जाएगी। इन गाड़ियों का काम होगा नोएडा के 33 प्रमुख मंदिरों से फूल और पूजा से जुड़े समान को एकत्रित करना। इससे फूलों का समुचित उपयोग हो सकेगा।
यहां एकत्रित होंगे फूल
मिली जानकारी के अनुसार प्राधिकरण ने मंदिरों की लिस्ट तैयार की है। इन गाड़ियों में से जो फूल निकलेगा उसे सेक्टर-34 में नारी निकेतन के पास एकत्रित किया जाएगा। पहले फूल और बाकी समान की प्रोससिंग की जाएगी। उसमें से जो अगरबत्ती बनाने के लिए ठीक होगा उसका उपयोग करके अगरबत्ती बनाई जाएगी। वहीं जो समान ठीक नही होगा उसे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
सावन में फूलों का हो सकेगा सही इस्तेमाल
जानकारी के लिए बता दें कि नोएडा प्राधिकरण के पीजीएम राजीव त्यागी ने इसको लेकर बताया है कि मंदिर के फूलों का और बाकी पूजा सामग्री का क्या किया जाए यह हमेशा से लोगों के लिए चिंता का विषय बना रहा है। क्योंकि मंदिर लोगों की आस्था और भावना से जुड़ा है। ऐसे में लगातार मंदिर समितियों की भी काफी समय से मांग थी की वो सामान्य तरह से मंदिर के फूलों को इधर-उधर नहीं फेंकना चाहते हैं। जिसको लेकर यह योजना बनाई गई इससे कचरे का निस्तारण हो सकेगा। बता दें कि सावन के महीने में मंदिरों में काफी फूल और पूजा की सामग्री चढ़ाई जाती है। इसको लेकर मंदिर समितियों की ओर से कहा गया है कि इस योजना से मंदिरों की काफी मदद होगी, क्योंकि पूजा सामग्री का निस्तारण उनके लिए हमेशा चिंता का विषय रहता था। लेकिन अब इस योजना से उन्हें काफी राहत मिल सकेगी।