- पुणे शहर में अब नहीं होगी पीने के पानी की किल्लत
- खडकवासला परियोजना से पानी की होगी आपूर्ति
- पुणे नगर निगम जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है परियोजना
Pune Water Crisis: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि खडकवासला बांध में पानी की उचित योजना के साथ नई मुथा दाहिनी नहर के वर्तमान चक्र के साथ एक और ग्रीष्मकालीन चक्र जारी किया जाना चाहिए। साथ ही डिप्टी सीएम ने प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि पुणे शहर में पानी के उचित प्रबंधन से कोई भी पानी से वंचित न रहे। इस संबंध में पवार की अध्यक्षता में शासकीय विश्राम गृह में बैठक हुई थी। बैठक में राज्य मंत्री दत्तात्रेय भरणे, सांसद गिरीश बापट, विधायक अशोक पवार, भीमराव तपकीर, चेतन तुपे, समाधान अवताड़े, सुनील शेलके, राम सतपुते, पुणे नगर आयुक्त विक्रम कुमार, कलेक्टर डॉक्टर राजेश देशमुख, मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग वी गुनाले और अधीक्षण अभियंता संजीव चोपडे समेत कई लोग शामिल रहे।
बैठक में बताया गया कि खड़कवासला परियोजना में पिछले वर्ष की तुलना में 2.5 टीएमसी कम पानी है। पवार ने जल संसाधन व नगर निगम प्रशासन को जल संरक्षण के समुचित प्रबंध करने के निर्देश दिए। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नहरों पर पानी के रिसाव या रिसाव के मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन प्रबंधन ऐसा किया जाना चाहिए कि पानी सभी को समान रूप से उपलब्ध हो। पुणे नगर निगम जल योजना का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने पर ध्यान दे।
युद्ध स्तर पर काम किया जाना चाहिए
पवार ने आगे कहा कि पुणे शहर भामा आस्केड परियोजना के लिए आवंटित पानी में से लगभग 75 एमएलडी पानी प्रतिदिन पंप नहीं किया जाता है। खड़कवासला परियोजना पर दबाव को कम करने के लिए पाइपलाइनों, पंपिंग स्टेशनों आदि को उनकी पूरी क्षमता तक उठाने के लिए पूरी गति से पूरा किया जाना चाहिए। निगम शत-प्रतिशत पानी के मीटर लगाने, अवैध प्लंबिंग को तोड़ने और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर विशेष ध्यान दे। दक्षिण और पूर्वी पुणे क्षेत्रों में पानी की समस्या के संबंध में शिकायतों के समाधान के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जाना चाहिए और चल रहे काम को तेजी से और अच्छी गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाना चाहिए।
बैठक में विधायक चेतन तुपे ने भामा आस्केड परियोजना से खराड़ी से साडे सतारा नाली (हडपसर) पाइपलाइन तक पानी खींचने का विकल्प सुझाया। उन्होंने पीएमसी को व्यवहार्यता और तकनीकी मुद्दों की जांच करने और सकारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बता दें कि वर्तमान में राज्य में बिजली की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है और हाल ही में यह 24 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। भविष्य में भी मांग जारी रहने की संभावना है और एनटीपीसी राष्ट्रीय ग्रिड से अतिरिक्त बिजली की खरीद के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, बिजली की समस्या को ध्यान में रखते हुए भविष्य में भी पानी का उचित प्रबंधन किया जाना चाहिए।