- पुणे पुलिस ने एक गिरोह को गिरफ्तार कर पर्दाफाश किया है
- निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है गिरोह
- छह लोगों के खिलाफ कथित तौर पर 1.68 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप
Pune Crime News: पुणे पुलिस ने एक गिरोह को गिरफ्तार कर पर्दाफाश किया है, जो निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है। पुलिस ने बताया है कि, गुरुवार को पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक सहित छह लोगों के खिलाफ कथित तौर पर 1.68 करोड़ रुपये के निवेशकों को ठगने के आरोप में मामला दर्ज किया है। आरोपियों की पहचान कंपनी के निदेशक राहुल गुलाब सिंह जाखड़, रामहरी मुंडे, सुनील जांभरे, माधव चास्कर, विश्वास भोर और नवनाथ रेपले सभी चिंचवड़ निवासी हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा है कि, दो निवेशकों ने पिंपरी पुलिस थाने में राहुल गुलाब सिंह जाखड़ के खिलाफ दो मामले दर्ज करवाए हैं, जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें कंपनी द्वारा धोखा दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच में इस रैकेट का खुलासा किया।
मैच्योरिटी देने के नाम पर निवेशकों से ठगी
शिकायतकर्ता, रवींद्र हगवाने (46) ने प्रति माह 10% रिटर्न के बहाने कंपनी में दिसंबर 2019 में 750,000 रुपये का निवेश किए थे। रवींद्र को आरोपी जाखड़ ने उसे 10 महीने की मैच्योरिटी के बाद कुल 1,231,600 रुपये के रिटर्न का आश्वासन दिया था। हालांकि, रिटर्न के बजाय, आरोपी ने अपनी कंपनी बंद कर दी। इसके बाद छह अन्य निवेशकों को ने पुलिस में शिकायत दर्ज कर बताया है कि, जाखड़ ने उनके साथ 13,313,643 की ठगी की। जाखड़ के खिलाफ एक अन्य शिकायत में, पिंपरी गांव के शिकायतकर्ता राजेंद्र आनंदराव पाटिल (46) ने आरोप लगाया कि उन्होंने कंपनी में 35 लाख रुपये का निवेश किया था, जहां जाखड़ ने उन्हें 10 महीने की मैच्योरिटी के बाद प्रति माह 10% रिटर्न का आश्वासन दिया था।
आरोपी निवेशकों को रिटर्न देने के बजाय दुबई भाग गया
शिकायतकर्ता ने कहा ने कहा है कि, जाखड़ प्रतिबद्ध रिटर्न देने में विफल रहा और दुबई भाग गया। इस मामले में सहायक पुलिस निरीक्षक एस मिसाल ने कहा, शुरुआती जांच है, अब तक सात निवेशकों ने यह कहते हुए हमसे संपर्क किया कि उन्हें जाखड़ ने 1.68 करोड़ रुपये ठगे हैं। आगे की जांच के बाद आंकड़ा और बढ़ सकता है। पिंपरी पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 34 (सामान्य इरादा) और महाराष्ट्र की धारा 3 और 4 के तहत छह लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।