- कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट को लागू करने के लिए हुई पहल
- फिलहाल मेडिकल वेस्ट को पुराने इंसीनरेटर प्लांट के पास खुले में डंप किया जाता था
- खुले से मेडिकल वेस्ट को गाड़ियों से लोहरदगा स्थित इंसीनरेटर प्लांट में भेजा जाता है
Medical Waste Treatment Plant: रांची स्थित रिम्स के बायो मेडिकल वेस्ट का निपटारा करने के लिए बायो मेडिकल वेस्ट डंप बॉक्स बनवाया जा रहा है। इसका निर्माण पीडब्ल्यूडी करा रहा है। यह पहल कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट को लागू करने के लिए की गई है। अभी मेडिकल वेस्ट को पुराने इंसीनरेटर प्लांट के पास खुले में डंप किया जाता था। इसके बाद मेडिकेयर की गाड़ियों से लोहरदगा स्थित इंसीनरेटर प्लांट में भेज दिया जाता था।
बता दें साल 2018 में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी निर्देश में देशभर में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक इंसीनरेटर प्लांट के 75 किलोमीटर के रेडियस में दूसरे इंसीनरेटर प्लांट का होना वर्जित बताया गया है। इस कारण देश भर में कई पूर्णनिर्मित इंसीनरेटर प्लांटों को ध्वस्त किया गया है।
रिम्स का इंसीनरेटर प्लांट जल्द होगा ध्वस्त
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन के मुताबिक अब रिम्स के इंसीनरेटर प्लांट को बहुत जल्द ध्वस्त कर दिया जाएगा। कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट के सही मैनेजमेंट के लिए जल्द ही रिम्स के बायो-मेडिकल वेस्ट को पीडब्ल्यूडी की ओर से बने बायो-मेडिकल वेस्ट डंप बॉक्स में डंप किया जाएगा। जो चारों ओर से बंद और जमीन से पांच फीट की ऊंचाई पर रहेगा।
प्लांट बनने से पर्यावरण एवं आम जनजीवन होगा सुरक्षित
इस बायो-मेडिकल वेस्ट प्लांट के बनने से पर्यावरण एवं आम जनजीवन सुरक्षित होगा। इसके बनने से मेडिकल वेस्ट के संपर्क में आम लोग नहीं आएंगे। कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी के मुताबिक बायो मेडिकल को मैनेज करने का एक सटीक इलाज है। कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी ऐसा सेटअप है, जहां कई स्वास्थ्य देखभाल इकाइयों से उत्पन्न बायो-मेडिकल कचरे को इस कचरे से पैदा होने वाले प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए जरूरी उपचार दिया जाता है। इधर, बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए रिम्स प्रबंधन ने अन्य जरूरी कार्यों पर काम करने की बात कही है।