- राज्य के 25,409 दुकानों में आम लोगों को यह सुविधा उपलब्ध होगी
- पहले चरण में 6737 दुकानों में प्रज्ञा केंद्र खोले जाएंगे
- पीडीएस डीलरों को आईडी-पासवर्ड मिला
Ranchi News: राजधानी सहित राज्य भर के पीडीएस (जन वितरण प्रणाली की दुकान) में भी अब जाति, आवासीय, आय, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य कार्य के लिए आवेदन किया जा सकेगा। क्योंकि, राज्य सरकार पीडीएस दुकानों में भी सीएचसी (कॉमन सर्विस सेंटर) शुरू करने जा रही है। मतलब अब राज्य की 25409 दुकानों में आम लोगों को यह सुविधा उपलब्ध होगी। जानकारी के अनुसार पहले चरण में 6737 दुकानों में प्रज्ञा केंद्र खोले जाएंगे।
अभी तक 1214 दुकानों में केंद्र शुरू करने के लिए पीडीएस डीलरों को आईडी-पासवर्ड भी दिया जा चुका है। डीलरों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। मतलब इस महीने के आखिर में ही कई पीडीएस दुकानों में प्रज्ञा केंद्र की सुविधा शुरू हो जाएगी।
लोगों को काम कराने में होगी आसानी
झारखंड में अभी करीब 20 हजार कॉमन सर्विस सेंटर है। दूसरी ओर 25,409 पीडीएस दुकानें हैं। ऐसे में सभी दुकानों में प्रज्ञा केंद्र का संचालन शुरू होगा तो राज्य में करीब 45 हजार केंद्र की सुविधा लोगों को मिलने लगेगी। मतलब साफ है कि अब मोहल्ले के सीएचसी संचालकों की मनमानी पर भी लगाम लगेगी। लोगों के पास विकल्प बढ़ जाएंगे। सबसे ज्यादा लाभ ग्रामीण इलाकों में होगी। क्योंकि, अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रज्ञा केंद्रों की संख्या काफी कम है। ऐस में अपने गांव-मोहल्ले के पीडीएस दुकानों में यह सुविधा उपलब्ध होने के बाद किसी भी तरह के ऑनलाइन आवेदन करने में परेशान नहीं होना पड़ेगा।
दुकानदारों की आय में होगी बढ़ोतरी
पहले से ही ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में डिजिटल गैप को पाटने में प्रज्ञा केंद्र बेहतर भूमिका निभा रही है। जो गैप बचा है वह भी सरकार की इस नई पहल से दूर हो जाएगी। पीडीएस दुकानों में प्रज्ञा केंद्र की सुविधा होने से जहां आम लोगों को काफी राहत होगी। वहीं, दुकानदारों के आय में भी इजाफा होगा। जन्म, आय, आवासीय सहित अन्य प्रमाण पत्रों के लिए प्रति आवेदन जीएसटी मिलाकर 30 रुपए मिलेंगे। वर्तमान में डीलरों को एक रुपए प्रति किग्रा की दर से कमीशन मिलता है। आम तौर पर एक दुकानदारा को 5000 रुपए महीने की आमदनी होती है। इसके कारण अक्सर कम अनाज दिए जाने या ब्लैक मार्केटिंग की खबरें भी सामने आती रहती हैं। मगर इनकी आमदनी बढ़ी तो इस तरह के मामले काफी हद तक कम हो जाएंगे।