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Ranchi Rims: ट्रामा सेन्टर में शिफ्ट होगी रिम्स इमरजेंसी, 15 बेड पर इलाज की है व्यवस्था

Updated Jun 12, 2022 | 15:26 IST

रांची स्थित रिम्स में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस कारण इमरजेंसी की व्यवस्था चरमरा रही है। यहां बेड भर जाने पर ट्रॉली या स्ट्रेचर पर मरीज का इलाज होता है। ऐसे में पुरानी इमरजेंसी को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
रिम्स की इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में होगा शिफ्ट
मुख्य बातें
  • इमरजेंसी में दो वेंटिलेटर में से एक खराब
  • प्रबंधन का दावा-सोमवार के बाद मरीजों को इमरजेंसी में मिलेगी बेहतर सुविधा
  • ट्रामा सेंटर में भी सुविधाओं का अभाव, बावजूद की जा रही शिफ्टिंग

Ranchi Rims Emergency News: रिम्स की पुरानी इमरजेंसी को कल ट्रामा सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा। प्रबंधन का दावा है कि मंगलवार से मरीजों को इमरजेंसी में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। अभी पुरानी इमरजेंसी में 15 बेड हैं, जिन पर मरीजों का इलाज किया जाता है। बेड फुल होने पर ट्रॉली या स्ट्रेचर पर आए मरीजों का उसी पर इलाज होता है। 

इमरजेंसी में वेंटिलेटर की संख्या सिर्फ दो है। इनमें से एक खराब ही है, जिस कारण गंभीर रूप से बीमार और घायल मरीजों की जान अक्सर सांसत में रहती है। इधर, ट्रामा सेंटर को शुरू करने में कार्य बल के साथ सेंट्रल एयर कंप्रेशर सिस्टम और सेंट्रल वैक्यूम सिस्टम की कमी है। इस वजह से ट्रामा सेंटर तीन महीने से शिफ्ट नहीं हो पा रहा।

इमरजेंसी शिफ्टिंग में है परेशानी

डॉक्टर का कहना था कि जब तक वैक्यूम सिस्टम की व्यवस्था नहीं की जाएगी, तब तक इमरजेंसी शिफ्टिंग में परेशानी हो सकती है। इसके बाद भी इन्हें दुरुस्त कराए बिना इमरजेंसी शिफ्टिंग की तैयारी चल रही है। बता दें 18 नवंबर 2021 में सरकार से पत्र मिलने के बाद निदेशक ने संबंधित डॉक्टरों के साथ बैठकर सेंट्रल इमरजेंसी को ट्रामा सेंटर में शिफ्ट करने का निर्देश दिया था। वहीं, कोरोना मरीजों की घटती संख्या को देखकर एक मार्च को चिकित्सा अधीक्षक ने ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया था और इसे दो से तीन हफ्ते में शुरू करने की बात की थी, लेकिन अब तक यह शुरू नहीं हो सका है।  

सीसीयू में मैनपावर की कमी

ट्रामा सेंटर की क्षमता 120 बेड की है, लेकिन कई महीनों से यहां सिर्फ 15 बेड ही हैं। वजह है कि जितने कर्मी  50 बेड के ट्रामा सेंटर को चलाने के लिए चाहिए, उसके एक तिहाई भी नहीं हैं। 15 बेड के संचालन में भी परेशानी हो रही है। क्रिटिकल केयर के इंचार्ज डॉ. प्रदीप भट्टाचार्य का कहना है कि एक शिफ्ट में सिर्फ एक से दो नर्स ही रहती हैं। हर एक बेड पर एक नर्स की जरूरत है।