- दोषी संदीप थापा को कोर्ट ने 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया
- संदीप की तरफ से अधिवक्ता रोहित रंजन प्रसाद ने रखा पक्ष
- गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने संदीप थापा, चंद्र मौली सिंह और सुजीता सिन्हा को दोषी करार दिया
Surendra Rai murder case: रांची सिविल कोर्ट ने आज सुरेंद्र राय हत्याकांड की सुनवाई की। इसमें कोर्ट ने आरोपी संदीप थापा को दोषी करार दिया। संदीप को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 20 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। इसे हत्या के साथ ही साथ आर्म्स एक्ट में भी दोषी माना गया है। संदीप की ओर से कोर्ट में अधिवक्ता रोहित रंजन प्रसाद ने पक्ष रखा।
बता दें पिछली सुनवाई में ही कोर्ट ने हत्याकांड में संदीप थापा और सुजीत सिन्हा को दोषी करार दे दिया था। अगली तिथि के लिए सजा तय नहीं की गई थी। आज रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायामुक्त की कोर्ट में सुनवाई के बाद दोषी को सजा सुनाई गई।
गोलीबारी केस में गिरफ्तार हुआ था संदीप थापा
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद कोर्ट ने संदीप थापा, चंद्र मौली सिंह और सुजीत सिन्हा को दोषी करार दिया था। गौरतलब है कि रांची में गोलीबारी के मामले में संदीप को गिरफ्तार किया गया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में ही है।
2006 में की गई थी सुरेंद्र राय की हत्या
सुरेंद्र राय की हत्या 19 अक्टूबर 2006 में की गई थी। वारदात को नामकुम थाना क्षेत्र में अंजाम दिया गया था। इसमें संदीप थापा समेत छह आरोपी बनाए गए थे। पुलिस ने हत्यकांड को साबित करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य इकट्ठा किए थे। फिर गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए थे। सुरेंद्र राय को लोग मुखिया जी भी कहते थे। वह नामकुम थाना क्षेत्र अंतर्गत सिदरौल गांव के निवासी थे। बेटे विजेंद्र राय के अनुसार उस दिन वह घर में योग कर रहे थे, तभी अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी थी। इसके बाद विजेंद्र ने नामकुम थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।
3.05 एकड़ जमीन का विवाद सुलझा रहे थे
बताया जाता है कि सुरेंद्र राय सदाबहार चौक स्थित सुशीला देवी की 3.05 एकड़ जमीन का विवाद सुलझाना चाह रहे थे। सुशीला और अनिल राम का विवाद था। सुरेंद्र राय ने अनिल को शांत रहने और विवाद खत्म करने के लिए कहा था। इसके एक माह बाद अनिल ने सुरेंद्र को हत्या की धमकी दी थी। कोर्ट ने अनिल को 14 जून 2016 को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।