- कस्तूरबा बालिका विद्यालय की वार्डन ने की छात्रा की पिटाई
- पुलिस और शिक्षा विभाग ने शिकायत के आधार पर शुरू की जांच
- आरोपी वार्डन ने खुद पर लगे सभी आरोपों को बताया झूठा
Ranchi News: झारखंड के गढ़वा से अंधविश्वास का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के कस्तूरबा बालिका विद्यालय के वार्डेन ने बीमार छात्रा को भूत उतारने के नाम पर पहले जमकर पीटा और फिर उसे नाली का गंदा पानी पिलाया। इस मामले की जानकारी जब परिजनों को मिली तो हंगामा खड़ा हो गया। पीड़ित छात्रा कंचन कुमारी की मां कौशल्या देवी की शिकायत के आधार पर धुरकी थाने में स्कूल की वार्डन सुमन अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
बरहसोती गांव की कौशल्या देवी ने बताया कि उनकी बेटी कंचन कुमारी इस स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ती है। बीते 16 अगस्त को स्कूल में बेटी की तबीयत खराब होने के कारण वह क्लास में नहीं जा पाई और अपने रूम में ही बेहोशी की हालत में पड़ी रही। यह जानकारी पाकर वार्डन छात्रा के पास हॉस्टल के रूम में गई और उससे उठने के लिए कहा, लेकिन बेटी की हालत ऐसी नहीं थी कि उठकर बैठ सके। यह देख वार्डन को गुस्सा आ गया। जिसके बाद आरोपी वार्डन ने बेटी से कहा कि तुम भूत आने का नाटक कर यहां आराम फरमा रही हो, मैं अभी तुम्हारा भूत उतारती हूं। इसके बाद वह एक डंडा ले आई और बेटी की पिटाई शुरू कर दी। जमकर पीटने के बाद वह बेटी को घसीटते हुए बाहर ले गई और नाली का गंदा पानी पिला दिया। पीड़ित छात्रा ने बाद में इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी। जिसके बाद पीड़िता ने परिजनों के साथ थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया।
वार्डन ने पैरेंट्स को मिलने से रोका
छात्रा की मां कौशल्या देवी ने बताया कि बेटी की पिटाई की जानकारी मिलने के बाद जब वह 17 अगस्त को बेटी से मिलने पहुंची तो वार्डन ने उसे मिलने नहीं दिया। जब वह जबरन वहां पहुंची तो बेटी ने रोते हुए पूरी बात बताई। यह देख वार्डन ने बेटी को डांट कर वहां से भगा दिया और मेरे साथ भी दुर्व्यवहार किया। जिला शिक्षा अधीक्षक मयंक भूषण ने कहा है कि यह बेहद गंभीर मामला है। जांच शुरू कर दी गई है। दोषी पाई जाने पर सख्त कार्रवाई होगी। वहीं आरोपी वार्डन सुमन अग्रवाल ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि छात्रा की पिटाई करने और नाली का पानी पिलाने का आरोप झूठा है। वह भूत-प्रेत लगने की तरह झूम रही थी। इसलिए उसे डराने के लिए नाली का पानी बताकर ग्लास में मिट्टी डालकर उसे पीने को कहा था।