- 10वीं और 12वीं के बाद कर सकते हैं बैचलर ऑफ वोकेशन डिग्री
- कोर्स के दौरान छात्रों में स्किलल्स डेवलपमेंट पर रहता है फोकस
- स्किल्ड जॉब्स के लिए बेहद फायदेमंद है बैचलर ऑफ वोकेशन कोर्स
B.Voc Course: हर युवा एजुकेशन पूरी कर शानदार सैलरी के साथ बेहतर करियर बनाना चाहता है। इसके लिए छात्र देश से लेकर विदेश तक के टॉप कॉलेजों में एडमिशन लेकर पढ़ाई करते हैं। अच्छे करियर के लिए ज्यादातर स्टूडेंट्स टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, साइंस स्ट्रीम को चुनते है। इसका कारण कन्वेंशनल इंजीनियरिंग डिग्री में सभी तरह के इम्पोर्टेन्ट अध्यन का न होना। अब इस अपूर्ण को पूर्ण करने के लिए भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी ने विभिन्न कोर्सो के माध्यम से बैचलर ऑफ वोकेशन डिग्री (बीवोक) कराना शुरू किया है।
जानें, क्या है बीवोक कोर्स
यह एक तीन साल का डिग्री कोर्स है, जिसे मेटल कन्स्ट्रक्शन, उद्यमिता विकास, होटल मैनेजमेंट, हेल्थकेयर में स्किल डेवलपमेंट के लिए कराया जाता है। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य युवाओं के अंदर मांग के अनुसार स्किल डेवलप करना है। इसकी मदद से युवा अपने भीतर छिपे हुए हुनर को विकसित कर पाएंगे। बैचलर ऑफ वोकेशन डिग्री उन युवाओं के लिए बेहद कारगर साबित हो रहा है, जो अच्छी नौकरी और बेहतर लाइफस्टाइल के नए अवसरों व स्किल्ड जॉब्स की तलाश में रहते हैं।
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बीवोक कोर्स करने की योग्यता
छात्र इस कोर्स को 10वीं के बाद भी कर सकते हैं, बशर्ते छात्र दसवीं के अलावा 2 साल का आईटीआई का कोर्स किया हो। वहीं, 12वीं के बाद यह कोर्स करने के लिए स्ट्रीम व सब्जेक्ट का मैच होना जरूरी है। वोकेशन कोर्स की एडमिशन हर साल होता है, इसके लिए आपको इंटर्न्स एग्जाम देना आवश्यक है। इस कोर्स में 3 साल में 6 सेमेस्टर होते है और हर सेमेस्टर में छात्रों का एग्जाम लिया जाता है। जिसे पास करने के बाद सर्टिफिकेट दिया जाता है। अगर छात्र को किसी कारणवश एक साल बाद बीम में ही कोर्स छोड़ना पड़ जाते तो उसे इस डिप्लोमा कोर्स का सर्टिफिकेट दिया जाता है। वहीं तीनों साल को पूरा करने पर ग्रेजुएशन की डिग्री मिलती है। इसमें छात्र हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, आर्ट्स, कॉमर्स, डेयरी फार्मिंग कोर्स कर सकते हैं। वहीं टेक्निकल कोर्सेज जैसे मेडी कंस्ट्रक्शन और टेक्नीशियन जैसे कोर्स भी होते हैं।
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इसलिए फायदेमंद है बीवोक कोर्स
देश में आज भी ऐसे कोर्सों की संख्या बहुत कम है, जो स्किल डेवलप से संबंधि हों। इसलिए छात्रों को मजबूरीवश दूसरे देशों का रूख करना पड़ता है। क्योंकि वहां जो भी पढ़ाई होती है, वह स्किल बेस्ड होती है। इस कमी को पूरा करने के लिए ही भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी अपने विभिन्न कोर्सेज के जरिए बच्चों को स्किल्ट्रेनिंग प्रदान करना चाहती है, जिससे सभी छात्रों को एक बेहतर भविष्य के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो पाए। आज के समय में एक सामान्य इंजीनियरिंग या सामान्य होटल मैनेजमेंट की डिग्री का उतना वैल्यू नहीं, जितना एक बीवोक डिग्री का है। इसका मुख्य कारण इस कोर्स के दौरान छात्रों को थ्यौरी बताने के साथ स्किल्स डेवलपमेंट पर फोकस किया जाता है। इसमें छात्रों को बेहतर ट्रेनिंग दी जाती है। हर वर्ष छात्र को 6 महीने यूनिवर्सिटी में और बाकी 6 महीने इंडस्ट्री में ट्रेनिंग दी जाती है।