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Career In Sound Engineering: फिल्‍म इंडस्‍ट्री में करियर बनाने के लिए साउंड इंजीनियरिंग का कोर्स है बेस्‍ट

Updated Jun 29, 2022 | 06:56 IST

Sound Engineering Course: अगर आप 12वीं के बाद करियर बनाने के लिए म्‍यूजिक का फील्‍ड एक शानदार ऑप्‍शन है। 12वीं पास छात्र साउंड इंजीनियरिंग करके अपना करियर बना सकते हैं। ऐसे लोगों के पास फिल्‍म मेकिंग के अलावा टीवी सीरियल, वॉइस प्रोडक्शन कंपनी व म्यूजिक कंपनी जैसी जगहों पर जॉब करने का मौका मिलता है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
साउंड इंजीनियरिंग का कोर्स व करियर
मुख्य बातें
  • करियर के लिए शानदार ऑप्‍शन है साउंड इंजीनियरिंग
  • साउंड इंजीनियरिंग कोर्स के बाद फिल्‍म इंडस्‍ट्री में मिलती है जॉब
  • साउंड इंजीनियरिंग कोर्स के लिए छात्रों में कई स्किल है जरूरी

Career In Sound Engineering: म्‍यूजिक जहां हमें खुशी देने के साथ मूड के हिसाब से अच्‍छा अहसास कराती है, वहीं ये करियर बनाने के लिए भी शानदार फील्‍ड है। अगर आपको म्‍यूजिक और ट्यून पसंद है तो आप साउंड इंजीनियरिंग में अपना बेहतरीन करियर बना सकते हैं। इसे ऑडियो इंजीनियरिंग के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर युवाओं को म्‍यूजिक की दुनिया का रोमांच मिलने के साथ करियर की आपार संभावनाएं भी मिलेंती हैं।

क्‍या है साउंड इंजीनियरिंग (what is sound engineering)

साउंड इंजीनियरिंग में उन सभी ध्वनि तरंगों का अध्ययन किया जाता है, जो वेवलेंथ व फ्रीक्‍वेंसी में एक दूसरे से अलग हो सकती हैं। साउंड इंजीनियरिंग को एक कला के तौर पर जाना जाता है। यहां पर साउंड को समझने, उन्हें रिकॉर्ड करने, प्रोड्यूस करने के साथ विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक्स म्‍यूजिकल उपकरणों का प्रयोग ने करके मिक्सिंग करने का कार्य करना पड़ता है। साउंड इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को साउंड की बेसिक्स से लेकर पोस्ट प्रोडक्शन तक की पूरी जानकारी दी जाती है।

साउंड इंजीनियरिंग में कोर्स व योग्‍यता (sound engineering courses)

साउंड इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कोर्स करने के लिए छात्रों का पीसीएम सब्जेक्ट से 12वीं पास करना जरूरी होता है। हालांकि आज के समय में कुछ ऐसे फिल्म मेकिंग इंस्टीट्यूट भी चल रहे हैं, जहां पर 3 से 6 महीने के शॉर्ट टर्म कोर्स कराया जाता है। ऐसी जगहों पर एडमिशन के लिए 12वीं में पीसीएम होना जरूरी नहीं होता। ग्रेजुएशन के दौरान छात्रों को साउंड रिकॉर्डिंग, एडिटिंग व मिक्सिंग की तकनीकी की पूरी जानकारी दी जाती है। इसके अलावा छात्रों को ऑडियो राइटिंग, बेसिक थ्योरी ऑफ साउंड फ्रिक्वेंसीज, साउंड स्पेशल इफेक्ट्स आदि के बारे में भी पूरी जानकारी दी जाती है।

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करियर ऑप्‍शन व जॉब प्रोफाइल (career in sound engineering)

एंटरटेनमेंट की बढ़ती इस दुनिया में साउंड इंजीनियरिंग वालों के लिए जॉब के अवसरों की कमी नहीं है। आज फिल्‍म इंडस्ट्री व स्‍टूडियो बहुत व्‍यापक हो गए हैं। हमारे देश में प्रतिवर्ष विभिन्‍न भाषाओं में सैकड़ों फिल्में बनती है। इसी कारण इस सेक्टर में एक्सपर्ट लोगो की डिमांड हमेशा बनी रहती है। साउंड इंजीनियरिंग का कोर्स करने के बाद युवा फिल्‍म मेकिंग के अलावा टीवी सीरियल, वॉइस प्रोडक्शन कंपनी, म्यूजिक कंपनी, पोस्ट प्रोडक्शन हाउस, ऐड फिल्म्स, रेडियो व स्टूडियोज में अपना करियर बना सकते हैं। यहां पर इन्‍हें साउंड इंजीनियर, ऑडियो इंजीनियर, स्टूडियो डिजाइनर, स्टूडियो टेक्निशियन, स्टूडियो मैनेजर और असिस्टेंट इंजीनियर जैसे जॉब प्रोफाइल पर कार्य करना होगा।

साउंड इंजीनियर की सैलरी (sound engineering salary)

साउंड इंजीनियर की शुरुआती सैलरी उसके कॉलेज व फील्‍ड पर निर्भर करता है। जैसे किसी फिल्‍म स्‍टूडियो के साथ जुड़ने पर अलग सैलरी मिल सकती है, वहीं किसी वॉइस प्रोडक्शन कंपनी में अलग। हालांकि अगर आपने किसी अच्छे इंस्टीट्यूट से कोर्स किया है तो आप फिल्‍म इंडस्ट्री में शुरूआती तौर पर 40 हजार से 50 रुपये प्रतिमाह तक सैलरी वाली जॉब हासिल कर सकते हैं। इसके बाद अगर इंडस्ट्री में आपका नाम चल गया तो आप प्रोजेक्‍ट के हिसाब से लाखों रुपए कमा सकते हैं।

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