- साइंस के छात्र 12वीं के बाद कर सकते हैं ऑडियोलॉजी कोर्स
- ऑडियोलॉजिस्ट करते हैं बहरेपन की जांच और इलाज
- ऑडियोलॉजिस्ट बनकर हर माह लाखों कमाने का है मौका
Career in Audiology: वायु प्रदूषण के साथ लगातार ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ रहा है। वाहनों का तेज हॉर्न, इंजनों का शोर, हेडफोन और डीजे जैसे कई कारणों से ध्वनि प्रदूषण का ग्राफ पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ा है। जिसके कारण करोड़ों लोगों में सुनने की क्षमता कम हो गई है। इस बीमारी के बढ़ने के साथ ऑडियोलॉजिस्ट जैसे ट्रेन्ड पैरामेडिकल प्रोफेशनल की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। एक रिसर्च के अनुसार भारत में ही करीब 6 फीसदी आबादी हियरिंग लॉस की शिकार है। ऐसे लोग ऑडियोलॉजिस्ट से कंसल्ट करते हैं। ये हियरिंग लॉस यानि बहरेपन के शिकार मरीजों का इलाज करते हैं। अगर आप साइंस स्टूडेंट हैं और आपकी रुचि मेडिकल फिल्ड में है तो आप ऑडियोलॉजिस्ट के तौर पर अपना करियर बना सकते हैं।
ऑडियोलॉजी और ऑडियोलॉजिस्ट को जानें
ऑडियोलॉजी में सुनने संबंधी समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। इसमें सुनने की क्षमता के कम होने की वजह के बारे में जानने-समझने का प्रयास किया जाता है। इस विषय के एक्सपर्ट्स ऑडियोलॉजिस्ट कहलाते हैं जो हियरिंग एंड बैलेंस संबंधी समस्याओं की जांच के बाद उपचार बताते हैं। ये कम सुनाई देने की अस्थायी या स्थायी समस्या का इलाज करते हैं। एक थेरेपिस्ट के तौर पर इनका प्रमुख काम बहरेपन की गंभीरता समझना और उचित सलाह देना है।
ऑडियोलॉजिस्ट में कोर्स
छात्र बायोलॉजी विषय के साथ 12वीं पास करने के बाद ऑडियोलॉजी में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। इसमें डिग्री लेवल कोर्स तीन साल का होता है। जो उम्मीदवार डिग्री और डिप्लोमा कोर्स नहीं कर सकते, वे शॉर्ट टर्म कोर्स भी कर सकते हैं। इसमें सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि केवल 6 महीने है। इस फील्ड में प्रमुख कोर्स बैचलर ऑफ हियरिंग इम्पेयरमेंट, बीएससी इन स्पीच एंड हियरिंग, बीएससी इन ऑडियोलॉजी, सर्टिफिकेट कोर्स इन क्लीनिकल ऑडियोलॉजी और एमएससी इन स्पीच पैथोलॉजी एंड ऑडियोलॉजी है।
ऑडियोलॉजी में करियर स्कोप
ध्वनि प्रदूषण के कारण हर उम्र के लोगों में सुनने की क्षमता कम हो रही है। एक ऑडियोलॉजिस्ट के तौर पर युवा सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के अलावा रिहैबिलिटेशन सेंटर्स, चाइल्ड डेवलपमेंट सेंटर्स, काउंसिलिंग सेंटर्स, एनजीओ और प्री स्कूल जैसी जगहों पर भी ऑडियोलॉजिस्ट की डिमांड बनी रहती है। इसके अलावा कोर्स पूरा करने के बाद खुद का क्लीनिक खोल कर प्रैक्टिस करने भी एक बेहतर ऑप्शन है।
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ऑडियोलॉजिस्ट की कमाई
ऑडियोलॉजिस्ट की सैलरी उनके कोर्स, अनुभव और लोकेशन के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। हालांकि ये प्रोफेशनल किसी भी हॉस्पिटल के साथ जुड़कर आसानी से 40 से 60 हजार रुपये प्रति माह का वेतन हासिल कर सकते हैं। वहीं एक दो साल के अनुभव के बाद ये 10 से 12 लाख रुपये का सालाना पैकेज हासिल कर सकते हैं।