- फाइनेंशियल एनालिस्ट का करियर होता है शानदार
- गणित के साथ 12वीं करने वाले छात्र कर सकते हैं कोर्स
- फाइनेंशियल एनालिस्ट में नहीं है जॉब्स ऑप्शन की कमी
Financial Analyst: फाइनेंशियल एनालिस्ट एक ऐसा करियर विकल्प माना जाता है, जिसे अपनाने वाले को असफलता नहीं मिलती है। इस फील्ड में कई ऐसे करियर ऑप्शन हैं, जहां पर छात्र लाखों की पैकेज वाली जॉब हासिल कर सकते हैं। फाइनेंशियल एनालिस्ट के लिए बैंकों के अलावा केंद्र व राज्य सरकार के वित्त से संबधित विभागों, फाइनेंशियल रिसर्च संस्थान, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों के साथ निजी कंपनियों में करियर बनाने का मौका मिलता है।
फाइनेंशियल एनालिस्ट का मुख्य कार्य विभिन्न वित्तीय नीतियों के निर्माण करने के साथ उसके सफलता व विफलता का विश्लेषण करना है। फाइनेंशियल एनालिस्ट किसी भी बैंक, ब्रोकरेज, धन प्रबंधन फर्मों के साथ जुड़कर स्टॉक, बांड और अन्य प्रतिभूतियों का विश्लेषण करते हैं।
साथ ही ये आंतरिक वित्तीय आंकड़ों का विश्लेषण कर कंपनी के वित्तीय योजनाओं, राजस्व और व्यय अनुमान तैयार करते हैं।
फाइनेंशियल एनालिस्ट का स्किल
फाइनेंशियल एनालिस्ट के अंदर कई स्किल का होना जरूरी है। इनमें वित्तीय डेटा का विश्लेषण करने, रुझानों को समझने, पोर्टफोलियो बनाने व वित्तीय घाटों को कम करने की समझ होनी चाहिए। इनमें गणित और अंग्रेजी में दक्ष होने के साथ तत्काल निर्णय लेने की क्षमता भी होनी चाहिए।
फाइनेंशियल एनालिस्ट की योग्यता
फाइनेंशियल एनालिस्ट बनने के लिए छात्रों को 12वीं गणित विषय के साथ पूरा करना होगा। इसके बाद ये बिजनेस, एकाउंटिंग, फाइनेंस या स्टैटिस्टिक्स, इकनॉमिक्स में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। आईसीएफआई से सीएफए कार्यक्रम उत्तीर्ण उम्मीदवार भी फाइनेंशियल एनालिस्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं, कॉस्ट एण्ड वर्क्स एकाउंटेंसी, कंपनी सेक्रेट्रीशिप, चार्टर्ड एकाउंटेंसी जैसे पाठ्यक्रमों के बाद भी फाइनेंशियल के पद के लिए आवेदन किया जा सकता है।
करियर ऑप्शन व वर्क प्रोफाइल:
फाइनेंशियल एनालिस्ट के करियर का दायरा काफी बड़ा है। ये बैंक, उद्योग, वित्त बाजार व अन्य संस्थानों के बैक बोन होते हैं। एक फाइनेंशियल एनालिस्ट किसी कंपनी के साथ जुड़कर कार्य करने के अलावा स्वतंत्र वित्तीय निवेश के तौर पर भी कार्य कर सकता है। कंपनी में फाइनेंशियल एनालिस्ट का रोल काफी बड़ा होता है। क्योंकि ये कंपनी के अन्य डिपार्टमेंट्स के साथ सहयोग कर कंपनी का पूरा लेखा जोखा तैयार करना होता है।
ऐसे पेशावर लोग किसी कंपनी या संस्थान में फाइनेंस कंट्रोलर, फाइनेंस ऑफिसर, रिस्क एंड इंश्योरेंस मैनेजर, फाइनेंस मैनेजर, फाइनेंशल प्लानर, क्रेडिट मैनेजर, कैश मैनेजर, फाइनेंशल एनालिस्ट, इंवेस्टमेंट बैंकिंग एनालिस्ट, एक्चुअरी, अकाउंटेंट और इंवेस्टर रिलेशन्स एसोसिएट के पद पर कार्य कर सकते हैं।