- पीसीबी से 12वीं करने वाले कर सकते हैं प्लांट पैथेलॉजी कोर्स
- कोर्स के बाद सरकारी के साथ बड़े इंडस्ट्रियल हाउस में जॉब का मौका
- प्लांट पैथेलॉजी में रिसर्च करने वालों को मिलती है लाखों में सैलरी
Career Options Plant Pathology: बढ़ते प्रदूषण की समस्या के कारण युवाओं का रूझान पर्यावरण की तरफ बढ़ा है। आजकल कई ऐसे युवा हैं जो पर्यावरण संरक्षण में करियर बनाना पसंद कर रहे हैं। ऐसा ही एक करियर है प्लांट पैथोलॉजी का। प्लांट पैथोलॉजी को फायटोपैथोलोजी भी कहते हैं। इसमें पौधों में होने वाली बीमारियों का अध्ययन किया जाता है। प्लांट पैथोलॉजिस्ट का कार्य पौधों को लगने वाले रोगों का निदान करना है।
इस फील्ड में करियर बनाने के लिए छात्रों को जेनेटिक्स, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, इकोलॉजी, मॉलीक्यूलर बायोलॉजी के साथ फसल और मिट्टी से जुड़े विज्ञान का अध्ययन करना पड़ता है। इस फील्ड में योग्य प्रोफेशनल्स की बढ़ती डिमांड को देखते हुए यूनिवर्सिटी लेवल पर प्लांट पैथोलॉजी के कई कोर्स ऑफर किए जा रहे हैं।
इस फील्ड में मौजूद कोर्स
पीसीबी से 12वीं करने के बाद छात्र प्लांट पैथोलॉजी में ग्रेजुएट लेवल के कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। ग्रेजुएशन के बाद मास्टर्स और डॉक्टरेट डिग्री लेने का विकल्प भी यहां मौजूद है। वहीं अगर साइंटिस्ट या एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो नेमाटोलॉजी, एन्टोमोलॉजी और वीड साइंस से संबंधित कोर्स कर सकते हैं।
टॉप संस्थान
इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हिसार
नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, कोयम्बटूर
सीएसके हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, पालमपुर
गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर
यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस, बेंगलुरु
फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, देहरादून
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प्लांट पैथोलॉजी करियर स्कोप
प्लांट पैथोलॉजी में जॉब के कई अवसर उपलब्ध हैं। छात्र कोर्स पूरा करने के बाद हेल्थ मैनेजर, टीचर, रिसर्चर, प्लांट स्पेशलिस्ट, कंसल्टेंट आदि बन सकते हैं। प्लांट पैथोलॉजिस्ट सरकार के साथ जुड़कर देश की कृषि उत्पादकता बढ़ाने के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
इनके पास केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अलावा इंटरनेशनल आर्गनाईजेशन व बड़े इंडस्ट्रियल हाउस के साथ जुड़कर कार्य करने का मौका होता है। ये स्पेशलिस्ट देश की एग्रीकल्चरल कंसल्टिंग, एग्रोकेमिकल और सीड एंड प्लांट प्रोडक्शन, बॉटेनिकल गार्डन्स, बॉयोलॉजिकल कंट्रोल कंपनी, बॉयोटेक्नोलॉजी फर्म, फॉरेस्ट सर्विस, एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी, एनिमल एंड प्लांट हेल्थ इंस्पेक्शन सर्विस में कार्य कर सकते हैं।
सैलरी पैकेज
कोर्स पूरा करने के बाद किसी प्राइवेट संस्थान से जुड़ने पर एक प्लांट पैथोलॉजिस्ट की वार्षिक सैलरी 5.5 से 6.5 लाख रुपये के बीच हो सकती है। वहीं सरकारी विभाग में उन्हें तय नियमों के आधार पर वेतन मिलता है। वहीं रिसर्च के क्षेत्र में जाने पर अनुभवी प्लांट पैथोलॉजिस्ट की सैलरी लाखों में हो सकती है।