Delhi University Teacher's vacancy: दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 1282 रिक्त पद भरे जाने हैं। शिक्षा मंत्रालय व यूजीसी बैकलॉग पदों को भरने का आदेश जारी कर चुका है। इस संबंध में देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व रजिस्ट्रार को निर्देश जारी किए थे। शिक्षा के आदेश के उपरांत अब दिल्ली विश्वविद्यालय ने रिक्त शैक्षणिक को भरने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार (कॉलेजिज) ने दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों, निदेशकों, संस्थानों को एक सकरुलर जारी कर शैक्षणिक पदों को भरे जाने के बारे में दिशा निर्देश जारी किए हैं।
कहा गया है कि यह इसलिए करना आवश्यक है कि इस दौरान अनेक शिक्षकों ने या तो इस्तीफा (रिजाइन) दे दिया है या उस पद से अपना नाम वापिस ले लिया है। असिस्टेंट रजिस्ट्रार (कॉलेजिज) ने कॉलेजों के प्राचार्यो को भेजे गए सकरुलर में लिखा है कि 2013-2014 में चार वर्षीय पाठ्यक्रम लागू होने पर वर्कलोड की गणना में कुछ शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया या कुछ लोगों ने पद छोड़ दिया है। उन्होंने बताया है कि इस संदर्भ में रोस्टर के नवीकरण हेतु सम्बद्व कॉलेज के लायजन ऑफिसर (सक्षम अधिकारी) से सलाह लेते हुए एक चेक लिस्ट तैयार की गई है। नियमावली को सकरुलर के साथ सलंग्न किया गया है।
कहा गया है कि इसी नियमावली के अनुसार रोस्टर बनाकर विश्वविद्यालय के सक्षम अधिकारी के पास स्वीकृति के लिए भेजे। गौरतलब है कि स्वयं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्त पड़े पदों को भरने का निर्देश जारी कर चुके हैं। शिक्षा मंत्री कह चुके हैं रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाएगा।
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने स्वागत किया है। उन्होने बताया है कि डीयू द्वारा जारी सकरुलर में सेकेंड ट्रांच में ओबीसी आरक्षण विस्तार योजना के तहत ओबीसी तथा आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) वर्गो के पदों को भी भरे जाने के संबंध में कहा है। कॉलेज के रोस्टर को सेकेंड ट्रांच के अनुसार उस श्रेणी से संबंधित पदों के बारे में अपडेट करें तथा रोस्टर में इनके श्रेणीवार क्रम से इनके बिंदुओं को दर्शाए कि वह पद किस श्रेणी का है।
ओबीसी एक्सपेंशन के सेकेंड ट्रांच (दूसरी किस्त) की बकाया शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति करने के आदेश पहले भी दिए थे। पर कुछ कॉलेजों ने इन पदों पर एडहॉक टीचर्स की नियुक्ति कर ली लेकिन बहुत से कॉलेजों ने इन पदों पर आज तक नियुक्ति नहीं की। न ही इन पदों को रोस्टर में शामिल कर विश्वविद्यालय प्रशासन से पास कराकर पदों को विज्ञापित किया था।