- मेंस परीक्षा की तैयारी के लिए बनाएं विषयवार टाइम टेबल
- रिवीजन के लिए नोट्स बनाना जरूरी, हर जगह करेंगे मदद
- अपनी तैयारी की जांच के लिए रेगुलर देते रहें मौक टेस्ट
UPSC Preparation Tips: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सर्विस परीक्षा को विश्व के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। यह परीक्षा हर साल तीन चरणें में आयोजित की जाती है। इसके हर चरण को क्लीयर करने के लिए उम्मीदवारों को अलग लेवल की तैयारी करनी पड़ती है। इस वर्ष यूपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा हो गई है। अब सभी उम्मीदवार मेंस परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं। ज्यादातर उम्मीदवार मेंस को ही सबसे टफ परीक्षा मानते हैं। इस परीक्षा में उम्मीदवारों को 4 जीएस पेपर, दो लैंग्वेज पेपर और एक ऑप्शनल पेपर हल करना होता है। इस परीक्षा को क्लीयर करने के बाद छात्र इंटरव्यू में बैठते हैं। यहां मह मेंस परीक्षा की बेहतर तैयारी करने के टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी तैयारी को और मजबूत कर सकते हैं।
विषयों को ध्यान में रखकर टाइम टेबल बनाएं
किसी भी परीक्षा की तैयारी में टाइम टेबल सबसे अहम होता है। मेंस परीक्षा के लिए अगर आप टाइम टेबल बना रहे हैं विषयों को ध्यान में रखें। ध्यान रहे कि इस परीक्षा में जीएस समेत लैंग्वेज और ऑप्शनल पेपर भी होता है। ऐसे में सभी विषयों को बराबर समय दे पाना संभव नहीं है। इसलिए उन पेपर के लिए ज्यादा समय निर्धारित करें, जिसकी तैयारी कम हुई हो। हर पेपर के लिए अपनी तैयारी के अनुसार समय निर्धारित करें।
नोट्स बनाएं
मेंस परीक्षा की तैयारी कुछ किताबों या मैगजीन की मदद से नहीं की जा सकती है। इसके लिए बहुत सारे रिसोर्स की मदद लेनी पड़ती है। इसमें कई ऐसे रिसोर्स होते हैं जो हमारे पास हार्ड कॉपी के रूप में मौजूद नहीं रह पाते। ऐसे में तैयारी करने में सबसे ज्यादा मददगार नोट मेकिंग की आदत करती है। अगर आप नोट्स बना रहे हैं तो इसकी मदद से किसी भी समय कहीं भी अपना रिवीजन कर सकते हैं।
आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस
सभी विषयों के लिए निर्धारित किए गए समय के अनुसार पढ़ाई करने के अलावा आंसर राइटिंग की ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें। क्योंकि इस परीक्षा में काफी कुछ लिखने की क्षमता पर निर्भर करता है। कोशिश करें कि आंसर लिखने के बाद अपने किसी मेंटर या साथी से उसे चेक जरूर राएं। ऐसा करने से गलतियों के बारे में आपको पता चलेगा और आप उसमें सुधार कर पाएंगे।
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रेगुलर मॉक टेस्ट दें
अगर आपको लगता कि आपकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है तो खुद की जांच करना शुरू कर दें। अगर आप खुद की जांच करेंगे तो आपको खुद पता चल जाएगा कि आपकी तैयारी किस लेवल तक पहुंची है और आप कहां पर गलती कर रहे हैं। खुद की जांच करने में सबसे ज्यादा कारगार मॉक टेस्ट होता है। रेगुलर मॉक टेस्ट देने में गलतियों के सुधार में बहुत मदद मिलती है।