Teachers Recruitment: दो साल पहले निकाली गई 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को उच्च न्यायालय ने राहत दे दी है। न्यायालय के आदेश के बाद भर्ती का रास्ता साफ हो गया है और वहीं इस आदेश ने कोरोना संकट में हजारों युवाओं के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है।
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने योगी सरकार को बड़ी राहत देते हुए कट ऑफ मार्क्स (Cut Off Marks) के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति को सही ठहराया है। इस फैसले के अनुसार 69000 शिक्षकों की भर्ती अब 65/60 कट ऑफ पर ही होगी। सामान्य वर्ग के लिए 65 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की कटऑफ 60 प्रतिशत होगी। जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस करुणेश सिंह पवार ने यह फैसला सुनाया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने दो साल तक चली सुनवाई के बाद तीन मार्च 2020 को फैसला सुरक्षित कर लिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में शिक्षा की योग्यता और गुणवत्ता को अहम बताया। इस फैसले के बाद सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को इस भर्ती में 150 में से 97 अंक हासिल करने होंगे, जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 90 अंक जरूरी हैं।
तीन महीने में पूरी करें प्रक्रिया
उच्च न्यायालय ने सरकार को कहा है कि वह तीन महीने के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करें। कोर्ट ने कहा है कि पहले से तय मानकों के अनुसार ही 69000 पदों पर सहायक शिक्षक भर्ती की जाएगी। बता दें कि एकल न्यायाधीश के उस फैसले व आदेश को सरकार ने चुनौती दी थी, जिसमें न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 45 और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी अंक रखे जाने के निर्देश मिला था।
योगी ने किया फैसले का स्वागत
CM योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा के 69,000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में मा. उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने सभी सफल अभ्यर्थियों को आने वाले समय में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में योगदान देने हेतु अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनका अभिनन्दन किया है।