- वायुसेना ने दागी सतह से सतह पर मार करने वाली दो ब्रह्मोस मिसाइलें, 300 KM दूर लक्ष्य को बनाया निशाना
- अंडमान निकोबार में छोटे लॉन्च प्लेटफॉर्म से दागी गई मिसाइल ने किया सटीक वार
Brahmos missiles fire by IAF, नई दिल्ली: ब्रह्मोस- भारत की रूस के साथ मिलकर तैयार की गई ऐसी मिसाइल जो आज तीनों सेनाओं के सबसे अचूक और विश्वसनीय हथियारों में शुमार है। ब्रह्मोस को भारतीय नौसेना, वायुसेना और थल सेना तीनों ही इस्तेमाल करते हैं और यह मिसाइल किसी भी युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाने की पूरी क्षमता रखती है। ब्रह्मोस मिसाइल के परीक्षण तीनों सेनाओं द्वारा समय समय पर आयोजित किए जाते रहते हैं और हाल ही में वायुसेना ने बीते दो दिन में दो बार अंडमान निकोबार द्वीप से ब्रह्मोस मिसाइल को दागा है।
भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशनल ट्रेनिंग के दौरान 21 और 22 अक्टूबर को दो बार ब्रह्मोस मिसाइल दागी और रिपोर्ट्स के अनुसार 300 किलोमीटर दूर लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाते हुए बर्बाद किया। खास बात ये है कि वायुसेना की ओर से सुखोई लड़ाकू विमान से हवा से जमीन या पानी की सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के परीक्षण की खबरें सामने आती रही हैं लेकिन इस बार वायुसेना ने जमीन से दागे जाने वाले वर्जन का परीक्षण किया है। साथ इसे अपेक्षाकृत छोटे लॉन्च प्लेटफॉर्म से लॉन्च किए जाने की बात सामने आई है और मिसाइल ने सटीकता के साथ सीधे सीधे लक्ष्य नष्ट कर दिया।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, '21 और 22 अक्टूबर को अंडमान निकोबार द्वीप समूह के ट्राक द्वीप पर भारतीय वायु सेना द्वारा दो ब्रह्मोस सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें दागी गईं। नियमित संचालन प्रशिक्षण के तहत जुड़वां फायरिंग को अंजाम दिया गया है।'
ब्रह्मोस से लैस वायुसेना का सुखोई विमान
भारतीय वायुसेना ने डीआरडीओर और एचएएल की मदद से अपने सुखोई 30 एमकेआई विमान को ब्रह्मोस से लैस करने के लिए कई परीक्षण किए थे। इसके लिए सुखोई विमान में कई बदलाव भी किए गए थे। अब यह मिसाइल सुखोई विमान से दागे जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसकी मदद से लड़ाकू विमान अपनी जगह से 350 से 400 किलोमीटर दूरी के लक्ष्य को निशाना बना सकता है।
ब्रह्मोस को लगातार बेहतर और आधुनिक बनाने के लिए भारत की ओर से लगातार कोशिशें की जा रही हैं और इसमें बदलाव भी किए जा रहे हैं। इसकी मारक क्षमता यानी रेंज को बढ़ाने पर भी काम किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के अलावा ब्रह्मोस को लॉन्च पैड, मोबाइल वाहन, पनडुब्बी और जहाजों से दागा जा सकता है।