नई दिल्ली: विज्ञान के मुताबिक सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) खगोलीय घटना है वहीं इसका धार्मिक संबध भी है, सूर्य ग्रहण से कुछ घंटो पहले सूतक काल भी लगता है उसमें कई सावधानियां रखी जानी चाहिए खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को। 26 दिसंबर को लगने वाला ये सूर्य ग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा।
26 दिसंबर का सूर्य ग्रहण से पहले 25 दिसंबर की रात से सूतक काल शुरु हो गया है,कहा जाता है कि सूतक काल में कुछ सावधानियां रखनी चाहिए।
सूर्य ग्रहण क्या है?
सूर्य ग्रहण एक तरह का ग्रहण है जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है तथा पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा आच्छादित होता है।भौतिक विज्ञान की दृष्टि से जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, उसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चाँद पृथ्वी की। कभी-कभी चाँद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है। फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर साया फैल जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह घटना सदा सर्वदा अमावस्या को ही होती है।
ग्रहण प्रकृति का एक अद्भुत चमत्कार है वहीं ज्योतिष के दृष्टिकोण से यदि देखा जाए तो अभूतपूर्व अनोखा, विचित्र ज्योतिष ज्ञान, ग्रह और उपग्रहों की गतिविधियाँ एवं उनका स्वरूप स्पष्ट करता है।
सूतक के दौरान इन कामों से बचें
1-सूतक लगने के बाद ही अपने बिस्तर से उठ जाएं। सूतक के बाद सोना मना है।
2-सूतक लगते ही कुछ भी न खाएं। कोशिश करें की पानी का भी परहेज करें।
3-सूतक के दौरान मल-मूत्र त्याग करना भी मना है, लेकिन बच्चो, बूढ़ों और बीमार लोगों के लिए इसमें छूट है।
4-सूतक में कभी भी शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिये।
5-सूतक के दौरान हर किसी को नहाना चाहिये और जब ग्रहण हट जाए तो भी नहा लें
6-अगर आप गर्भवती हैं तो आप अपने हाथ में चाकू-कैंची या कोई भी धारदार चीज न लें, ना ही कुछ काटने का प्रयास करें।
गर्भवती महिला ग्रहण के दौरान कोशिश करे खड़ी रहे, लेटना या हाथ-पैर मोड़ कर न बैठें।
इन जगहों पर साफ दिखेगा सूर्य ग्रहण
साल 2019 का पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी और दूसरा 2 जुलाई को लगा था। दक्षिण भारत में ये सूर्य ग्रहण प्रमुख रूप से दिखाई देगा। केरल में कन्नूर, कोच्चि, कोझीकोड, तिरुवनंतपुरम; तमिलनाडु में कोयम्बटूर, मदुरै, ऊटी, त्रिची और चेन्नई; कर्नाटक में मंगलुरु और बेंगलुरु और पुडुचेरी दक्षिण भारत के उन स्थानों में हैं जो गुरुवार को पूर्ण रूप से सूर्य ग्रहण देख सकेंगे। भारत के अन्य हिस्सों में भी सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
वहीं पुणे, जयपुर, लखनऊ, कानपुर,नई दिल्ली, नागपुर, इंदौर, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत भोपाल, विशाखापत्तनम, लुधियाना और आगरा के निवासी केवल आंशिक सूर्य ग्रहण देखेंगे।भारत के अलावा, मध्य पूर्व, उत्तर पूर्वी अफ्रीका, एशिया (उत्तर को छोड़कर), पूर्वी रूस, उत्तर और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और सोलोमन आइलैंड्स में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
26 दिसंबर का सूर्य ग्रहण वह है जिसे 'अंगूठी जैसा सूर्य ग्रहण' के रूप में जाना जाता है। मूल रूप से इसका मतलब है कि सूर्य और चंद्रमा एक तरह से 'रिंग ऑफ फायर' की पॉजिशन में होंगे। इसमें चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को कवर नहीं कर पाएगा और इसलिए सूर्य के किनारे रोशन होंगे।
वहीं सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिर जानें से बचें और न ही घर पर स्थित मंदिर में पूजा करें।भगवान की मूर्ति को स्पर्श न करें। भगवान के मंदिर को किसी पर्दे से ढक दें।ग्रहण समाप्त होते होते बचे हुए भोजन में तुलसी की पत्तियां डाल दें।ग्रहण के समय अनाज छू कर उसे दान करना चाहिए।