Ekadashi 2022 Puja Vidhi: उत्पन्न एकादशी व्रत 20 नवंबर को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस व्रत को करने से धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है। किसी भी तरह की मानसिक समस्या हो तो इस व्रत को करना चाहिए। यह व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष को रखा जाता है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा का विधान है। जानिए उत्पन्न एकादशी की पूजा विधि, मुहूर्त और नियम। उत्पन्ना एकादशी 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त (Ekadashi 2022 Date And Muhurat)   उत्पन्ना एकादशी तिथि प्रारंभ: 19 नवंबर 2022, सुबह 10 बजकर 32 मिनट से उत्पन्ना एकादशी तिथि समाप्त: 20 नवंबर 2022, सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक उत्पन्ना एकादशी व्रत खोलने का मुहूर्त : 21 नवंबर 2022 को सुबह 06 बजकर 48 से 08 बजकर 55 तक। उत्पन्ना एकादशी 2022 व्रत के नियम इस व्रत को निर्जला या फलाहारी किसी भी तरह से रखा जा सकता है। व्रत से एक दिन पहले रात को भोजन न करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।  एकादशी के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।  भगवान विष्णु का पूजन करें तथा व्रत कथा जरूर सुनें।  भगवान विष्णु को सिर्फ फलों का ही भोग लगाएं। रात में भजन-कीर्तन करें।  व्रत के अगले दिन सुबह ब्राह्मण या किसी गरीब को भोजन करवाकर उन्हें दान दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिये।  उत्पन्ना एकादशी 2022 का महत्व: मान्यताओं अनुसार इस व्रत के दौरान किये गये दान का फल जन्मो-जन्मो तक मिलता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की शक्तियों में से एक देवी एकादशी ने उत्पन्न होकर राक्षस मुर का वध किया था इसलिए मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस व्रत को करने से आरोग्यता, संतान प्राप्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।