नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच दिल्ली के एक 16 वर्षीय लड़के ने टचलेस डोरबेल बनाई है। 11वीं कक्षा के छात्र सार्थक जैन ने यह डोरबेल प्रोजेक्ट कोरोना वायरस की चैन को तोड़ने और सोशल डिस्टेंसिंग के उद्देश्य को जहन में रखते हुए डिजाइन किया है। जैन शालीमार बाग मॉडर्न पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं। जैन के अनुसार, यह अल्ट्रासोनिक सेंसर के साथ एक स्वचालित टचलेस डोरबेल है। सेंसर 30 से 50 सेंटीमीटर की दूरी के भीतर किसी व्यक्ति या वस्तु की मौजूदगी को डिटेक्ट कर सकता है और घंटी को छूए बिना बजर से 'बीप' ध्वनि उत्पन्न होती है। जैन का कहना है कि डोरबेल से भी वायरस ट्रांसफर हो सकता है इसलिए उन्होंने इस बात को ध्यान में रखते हुए यह प्रोजेक्ट डिजाइन किया है।
'दरवाजे की घंटी के जरिए वायरस फैल सकता है'
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जैन ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान मैं घर या बालकनियों में सभी लोगों को मास्क पहने देखता हूं। इसने मुझे उन सभी संभावित तरीकों पर चिंतन करने के लिए मजबूर किया, जिनसे वायरस मेरे घर आ सकता है। मैं यह सोचकर चिंतित हो गया कि दरवाजे की घंटी के जरिए भी वायरस आ सकता है। इसीलिए मैंने एक स्मार्ट डोरबेल डिजाइन करने का फैसला किया। जैन के अनुसार, डोरबेल वायरस को ट्रांसफर करने का एक माध्यम है क्योंकि यह हमारी दैनिक दिनचर्या में अधिकतम उपयोग किया जाता है। ऐसे में वायरस फैलने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, 'इस बात को ध्यान में रखते हुए मैंने प्रोजेक्ट को डिजाइन किया है ताकि यह इस दुनिया को बचाने का एक हिस्सा बन सके।'
दिल्ली में कोरोना के 1,700 से अधिक केस
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 1,700 के पार पहुंच गए हैं। वहीं, इस खतरनाक वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या 42 हो गई है। हालांकि, दिल्ली में कोरोना के केस में पहले की तुलना में कमी आई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि पिछले तीन दिन में दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले घटे हैं, उम्मीद है कि आगे मामले और कम होंगे। साथ ही केजरीवाल सरकार ने ऐलान किया कि अगर किसी डॉक्टर, नर्सेज, पुलिसकर्मी या आपातकालीन सेवा से जुड़े किसी भी कर्मचारी-अधिकारी की संक्रमण से मौत हो जाती है तो उसके परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।