आगरा : आस्था किसी कदर किसी इंसान को एक बेजान मूर्ति से भी जोड़ देती है, इसका एक और उदाहरण उत्तर प्रदेश के आगरा में देखने को मिला, जब एक पुजारी 'लड्डू गोपाल' की मूर्ति को लेकर अस्पताल पहुंच गया और वहां डॉक्टर्स से जिद करने लगा कि वे मूर्ति को बैंडेज लगाएं। पुजारी बेतहाशा रो भी रहा था, जिसे देखकर अस्प्ताल में इलाज के लिए गए लोग और वहां के स्टाफ भी चकरा गए। शुरू में तो उन्होंने उसे समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन बाद में फिर वे मूर्ति के बैंडेज के लिए तैयार हो गए।
आगरा के जिला अस्पताल में डॉक्टर्स व अन्य स्टाफ उस वक्त हैरान हो गए, जब उनके पास एक पुजारी 'लड्डू-गोपाल' की मूर्ति लेकर पहुंचा। पुजारी मूर्ति के हाथों पर पट्टी लगाने की जिद कर रहा था। उसने अस्प्ताल स्टाफ को बताया कि वह सुबह में भगवान की पूजा के लिए उसे नहला रहा था, जब उसके हाथों से मूर्ति फिसलकर गिर गई और हाथ टूट गया। शुरू में अस्पताल स्टाफ ने उसे गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब वह जिद पर अड़ा रहा तो उन्होंने डॉक्टर्स को यह बात बताई।
वायरल हो रहा वीडियो
डॉक्टर्स ने भी पुजारी को समझाने-बुझाने का प्रयास किया। जब उसकी बातों को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा था तो हताशा में वह और रोने लगा, जिसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इसकी जानकारी दी। उन्होंने पुजारी की भावना को ध्यान में रखते हुए मेडिकल स्टाफ को 'लड्डू गोपाल' की मूर्ति का बैंडेज करने के लिए कहा, जिसके बाद ही पुजारी को शांति मिली। अस्पताल में मरीज के नाम की जगह 'श्री कृष्ण' लिखा गया और फिर इलाज की प्रक्रिया शुरू की गई।
सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी सर्कुलेट हो रहा है, जिसमें 'लड्डू-गोपाल' की मूर्ति के हाथों पर बैंडेज लगा नजर आ रहा है। पुजारी का कहना है कि वह बीते 30 साल से इस मूर्ति की पूजा करते आ रहे हैं और ऐसे में जब यह टूट गई तो उन्हें गहरा धक्का लगा। अपनी हताशा में वह इसे लेकर अस्पताल गए, ताकि उपचार किया जा सके। शुरू में किसी ने उसके अनुरोध को गंभीरता से नहीं लिया, जिसकी वजह से वह और दुखी हो गए थे। वह अंदर से टूट चुके थे और उन्हें अपने भगवान के लिए रोना आ रहा था।