- पति पत्नी की खुशहाल जिंदगी के बीच में जब आ गया स्पर्म डोनर
- महिला को स्पर्म डोनर से हुआ प्रेम फिर उसके जीवन में आया भूचाल
- अहमदाबाद की ये कहानी किसी फिल्मी प्लॉट से कम नहीं है
अहमदाबाद : एक महिला को स्पर्म डोनर से प्रेम हो गया। हुआ यूं कि महिला किसी कारणवश मां नहीं बन पा रही थी जिसके कारण उसकी शादीशुदा जिंदगी उसे सूनी लगने लगी थी। पति से विचार विमर्श करने के बाद उन दोनों ने फैसला किया कि वे स्पर्म डोनर से बात करेंगे और फिर उसकी मदद से अपने जीवन में बच्चा लाएंगे। महिला को इसके बाद जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। इस बीच महिला को डोनर से प्रेम हो जाता है।
लेकिन कहानी में इस प्रकार ट्विस्ट आता है कि डोनर महिला के पास से दोनों जुड़वां बच्चे ले जाता है और उस महिला को छोड़ देता है। जानते हैं पूरी कहानी विस्तार से। 45 वर्षीय इस महिला ने सखी वन स्टॉप सेंटर में इस बाबत शिकायत भी दर्ज करवाई है। उसने बताया कि अपनी शादी के चार साल बाद उसने आईवीएफ ट्रीटमेंट लिया क्योंकि वह प्राकृतिक तौर पर गर्भ धारण नहीं कर पा रही थी।
ट्रीटमेंट के दौरान महिला अपने पति के साथ एक ऐसे व्यक्ति से मिली जो अपना स्पर्म डोनेट करने को तैयार था। प्रक्रिया सफल हुई और दंपत्ति माता-पिता बने। उन्हें जुड़वां बच्चा पैदा हुआ। अब पांच सालों बाद कपल की शादीशुदा जिंदगी में खटास आने लगी। महिला का पति शराब पीने लगा और दोनों के बीत अक्सर लड़ाईयां होने लगी। ये दोनों बच्चे को लेकर आपस में झगड़ने लगे थे।
महिला ने तर्क देते हुए कहा कि उसी (पति) ने आईवीएफ ट्रीटमेंट का आइडिया दिया था, जबकि उसका डोनर से कोई कॉन्टैक्ट नहीं है। उनका झगड़ा शांत नहीं हुआ और पति-पत्नी दोनों अलग-अलग रहने लगे। महिला अपना और अपने दोनों बच्चों का पेट पालने के लिए हाउस हेल्प का काम करने लगी। इसी दरम्यान महिला उस डोनर से मिली जो कोचिंग सेंटर चलाता था।
दिलचस्प बात ये है कि उस व्यक्ति को सब कुछ मालूम था कि उस महिला की जिंदगी में क्या चल रहा है। अब ये दोनों एक दूसरे के संपर्क में आए, दोस्त बने और एक दूसरे के करीब आ गए। प्रेग्नेंट होने पर महिला ने उस डोनर के सामने शादी का प्रस्ताव रखा लेकिन डोनर ने मना कर दिया। इतना ही नहीं डोनर ने उन दोनों जुड़वां बच्चों को भी अपने साथ ले गया। उसने कहा कि ये दोनों उसके बच्चे हैं और वो उसके साथ नहीं रह सकते।
जानकारी के मुताबिक इतना सब कुछ होने के बाद महिला तनाव में चली गई है और उसे काउंसलर का सहारा लेना पड़ रहा है। वह अपनी सेविंग्स पर अकेली रह रही है। उसे अपना किराए का मकान भी छोड़ना पड़ा। मुश्किल वक्त आने पर उसने अभायाम 181 हेल्पलाइन पर संपर्क किया।