कोरोना काल में क्या क्या नहीं हो रहा पहले लंबा लॉकडाउन अब वो भी खुलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करना बड़ी चुनौती है, खासतौर पर स्कूलों में जहां छोटे बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन कहते हैं कि जहां चाह वहां राह...इसी बात को चरितार्थ कर रहा है झारखंड के दुमका का एक सरकारी स्कूल, जहां शिक्षकों ने घरों की दीवारों पर ब्लैकबोर्ड पेंट कर दिए हैं, ताकि बिना स्मार्टफोन के छात्र क्लास अटेंड कर सकें ये भी बड़ा कदम है क्योंकि स्मार्टफोन भी सभी के पास नहीं होता है और क्लास इस तरीके से कि सोशल डिस्टेंसिंग भी बने रहे।
यहां के शिक्षक टीचर्स लाउडस्पीकर्स के जरिए बोलते हैं और बच्चे ब्लेकबोर्ड पर लिखते हैं और ऐसा करते हुए वे सामाजिक दूरी (Social Distancing) मेंटेन करते हुए पंक्तियों में बैठते हैं जिससे एक स्टू़डेंट से दूसरे स्टूडेंट के बीच दूरी अच्छे से बनी रहती है।
इस मामले को बिजनेसमैन हर्ष गोयनका ने ट्वीट पर शेयर करते हुए लिखा है- 'झारखंड के एक गांव में, सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए यहां बच्चों के लिए ब्लेकबोर्ड लगा दिए गए हैं....हमारे अतुल्य भारत में अद्भुत पहल
एक शिक्षक ने कहा- करोना के कारण शिक्षा प्रभावित हुई है और यहां के छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं थे, हमने 'शिक्षा आपके द्वार' की शुरुआत की, ताकि बच्चे शिक्षा से सकें, वहीं दुमका प्रशासन ने भी इस पहल की प्रशंसा की। वहीं सोशल मीडिया पर इस स्कूल की खासी तारीफ की जा रही है।