चुनाव के मैदान में यूं तो एक से बढ़कर एक रंग देखने को मिलते हैं लेकिन कई बार कुछ लोग खास चर्चा का विषय बन जाते हैं, कुछ ऐसा ही नजारा है उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में, देवरिया सदर सीच पर एक प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं नाम है राजेश यादव उर्फ अर्थी बाबा (Arthi Baba) जो एक बार फिर चुनावी दंगल में ताल ठोकने उतर गए है और इस उपचुनाव में वो अर्थी पर सवार होकर नामांकन पत्र भरने पहुंचे तो लोग उनके इस अंदाज को देखते रह गए थे अब वो प्रचार भी अनूठे अंदाज में ही कर रहे हैं।
जब वो नामांकन कराने पहुंचे तो अंदाज जुदा था, अर्थी बाबा 'राम नाम सत्य है' का नारा लगाते हुए नामांकन करने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे वो अर्थी पर बैठे हुए थे जबकि उनके समर्थक उन्हें कंधा दे रहे थे और नारा लगा रहे थे।उनका अर्थी पर बैठे कर वोट मांगने का विडियो और फोटो सोशल मीडिया पर खासा छाया हुआ है।
बताते हैं कि वो अब तक कई बार चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार हारते आ रहे हैं, यहां तक कि साल 2009 में उन्होंने गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लोक सभा चुनाव लड़ा था, वो गांवों में महिलाओं, दिव्यांगों और अन्य लोगों के थाली में पैर धोते हुए भी नजर आए हैं।
अर्थी को ही जीवन का एकमात्र सत्य मानते हैं
राजेश यादव अर्थी को ही जीवन का एकमात्र सत्य मानते हैं और चाहें नामांकन हो, चुनाव प्रचार, आंदोलन, सब अर्थी पर ही करते हैं यही उनकी खासियत है। बताते हैं कि अर्थी बाबा ने एमबीए किया था और बाद में नौकरी भी की लेकिन उमका मन नहीं लगा और बाद में उसे छोड़कर वो सामजिक कार्यकर्ता बन गए। राजेश लगभग सभी चुनाव लड़ते हैं और हारने के नए रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं, जब वो प्रचार करते हैं और वोट मांगते हैं तो उन्हें देखने वालों की भारी भीड़ इकट्ठा हो जाती है।