नई दिल्ली: हाल ही में एक बुजुर्ग ऑटो ड्राइवर की कहानी खूब वायरल हुई थी। दरअसल, देसराज की कहानी काफी ज्यादा भावुक कर देने वाली थी। उसके बाद लोग उनकी मदद को आगे आए और अब उन्हें दान के रूप में कुल 24 लाख रुपए मिले हैं। देसराज ने अपनी पोती की पढ़ाई के लिए अपना घर तक बेच दिया था और खुद अपने ऑटो में ही रहते थे। Humans of Bombay पर शेयर की गई देसराज की कहानी दर्द से भरी थी लेकिन वो उम्मीदों से भरी थी।
लोगों की मदद से अब उन्हें 24 लाख रुपए मिले हैं, जिसके बाद उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो काफी खुश दिख रहे हैं। वीडियो में वो खुशी से झूम रहे हैं। उनके हाथ में 24 लाख रुपए का चैक है और वो सभी का धन्यवाद कर रहे हैं।
ऑटो चलाकर उठाई पूर परिवार की जिम्मेदारी
देसराज ने अपनी कहानी बताते हुए कहा था कि उन्होंने अपने दोनों बेटों को खो दिया था, इसके बाद उनकी पत्नी और बच्चों की जिम्मेदारी उन पर आ गई। उनकी पोती जो कि 9वीं कक्षा में थी, उनसे अपने दादा से पूछा था कि क्या उसे स्कूल छोड़ना होगा। उन्होंने उसे आश्वासन दिया कि कुछ भी नहीं होगा। फिर उन्होंने बहुत अधिक काम करना शुरू कर दिया। वह अपने ऑटोरिक्शा को सुबह 6 बजे से आधी रात तक चलाने के बाद प्रति माह लगभग 10,000 रुपए कमाने में कामयाब रहे। 10 हजार में से वह अपने बच्चों के बच्चों के फीस के रूप में 6,000 रुपए का भुगतान करते थे। बाकी 4,000 रुपए में 7 लोगों का परिवार चलता था।
पोती के लिए बेचा घर
जब उनकी पोती ने 12वीं कक्षा की परीक्षा में 80 प्रतिशत अंक हासिल किए तो इस खुशी में उन्होंने दिन भर ग्राहकों को मुफ्त सवारी दी। उनकी पोती ने उनसे पूछा कि क्या वह बीएड कोर्स के लिए दिल्ली जा सकती हैं। यह जानते हुए कि वह इसे वहन करने में सक्षम नहीं होंगें उन्होंने रास्ता निकाल लिया। उन्होंने कहा कि मुझे उसके सपने पूरे करने थे...किसी भी कीमत पर। इसलिए, मैंने अपना घर बेच दिया और उसकी फीस चुकाई।