कहा जाता है जिसकी जिंदगी है, उसे कोई नहीं मार सकता। चाहे तमाम परेशानियां आ जाएं, लेकिन उसका बाल भी बांका नहीं हो सकता। ऐसा ही कुछ ब्रिटिश मूल के नागरिक इयान जोनस के साथ हुआ है। जोनस पर 'जाको राखे साइयां मार सके ना कोई' कहावत साफ-साफ चरितार्थ हो गई है। उन्हें भारत में पहले डेंगू और फिर मलेरिया हुआ। इसके बाद वह कोरोना की चपेट में आ गए। इन तीनों बीमारियों से ठीक हुए तो जोनस को राजस्थान के जोधपुर जिले में एक कोबरा ने काट लिया। उन्हें जिले के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से अब डिस्चार्ज कर दिया गया है। फिलहाल वह खतरे से बाहर हैं और जल्द ही अपने देश वापस लौटेंगे।
'सांप के काटने नजर हुई कमजोर'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टरों ने कहा कि इयान जोनस को सांप के काट लेने की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उनके अंदर सांप के काटने के सभी लक्षण दिख रहे थे। जहरीली सांप के काट लेने के कारण उनकी नजर कमजोर हो गई थी। लेकिन इलाज के बाद सुधार है। उम्मीद है कि वह अगले कुछ दिनों में पूरी तरह सही हो जाएंगे। बताया गया कि जोनस को सांप द्वारा काटे जाने के बाद जब अस्पताल लाया गया तो शुरुआती जांच में उनके दूसरी बार कोरोना पॉजिटिव होने का संदेह हुआ। इसके बाद उनकी कोविड जांच दोबारा दोबारा की गई, जो नेगेटिव आई।
लोगों ने जोनस की काफी मदद की
दुनियाभर से लोगों ने मुश्किल घड़ी में जोनस परिवार का साथ दिया। जिस वक्त इयान जोनस के परिवार को सांप के काटे जाने की खबर मिली तो वो सदमे में आ गए। हालांकि, उन्हें तब बड़ी राहत मिली, जब फंडरेजिंग कैंपेन के जरिए जोनस के इलाज के लिए लाखों रुपए आसानी से जुट गए। सिर्फ 48 घंटों में ही सहायता राशि 16 लाख से ऊपर (£16,700) पहुंच गई। बता दें कि जोनस राजस्थान के स्थानीय कारीगरों के साथ काम करते हैं। वह कारीगरों की बनाई पारंपरिक शिल्प को अपनी चैरिटी संस्था के माध्यम से ब्रिटेन में बिकवाने में मदद करते हैं। उनका मकसद ऐसे कारीगरों की आर्थिक दिक्कत दूर करना है।