- केवल दशहरे पर खुलता है दशानन मंदिर
- उत्तर प्रदेश के कानपुर में शिवाला रोड पर स्थित है मंदिर
- रावण की पूजा और आशीर्वाद लेते हैं लोग
Dussehra 2021, Dashanan Ravan Mandir: हर साल दशहरे पर भगावन श्री राम की उतारी जाती है और रावण दहन करने की परंपरा है। दरअसल, दशमी की तिथि पर रावण का वध किया गया था। इसी कारण इस दिन को विजय दशमी के रूप में मनाने की सदियों से परंपरा है। इस दिन को अच्छाई की बुराई पर जीत के रूप में भी मनाया जाता है। लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी एक तरफ जहां दशहरे पर रावण को जलाया जाता है। वहीं, कुछ जगहों पर रावण की पूजा की जाती है। ये बात सुनकर भले ही आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह पूरी तरह सच है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ऐसा मंदिर है, जो केवल दशहरे पर ही खुलता है और लोग रावण की पूजा करते हैं। इतना ही नहीं रावण दहन के बाद मंदिर को बंद कर दिया जाता है। कानपुर के शिवाला रोड पर स्थित इस मंदिर का नाम दशानन मंदिर है। सन 1890 में गुरु प्रसाद शुक्ल ने इस मंदिर की स्थापना की थी। इस मंदिर में पूजा करने वाले लोगों का मानना है कि रावण एक महान विद्वान भी था, लिहाजा हम रावण की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। कुल लोगों का यह भी मानना है कि रावण की आरती करने के बाद हमारी इच्छाएं पूरी होती है।
रावण दहन के बाद मंदिर का पट बंद हो जाता है
दशहरे के मौके पर इस रावण की मूर्ति को मूर्ति को फूलों से सजाया जाता है और आरती उतारी जाती है। इसके अलावा श्रद्धालु तेल के दीये जलाते हैं और मूर्ति के सामने मंत्रों का उच्चारण भी करते हैं। वहीं, जब रावण दहन हो जाता है कि मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं। इसके अलावा देश में कुछ और मंदिर हैं जहां रावण की पूजा होती है, खासकर दक्षिण भारत में लोग रावण को काफी मानते हैं।