- नोवेल कोरोना वायरस से दुनियाभर में 9,020 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 2 लाख से अधिक इसकी चपेट में हैं
- इस बीच इंटरनेट पर डेटॉल डिस्इंफेंक्टेंट का रैपर तेजी से सर्कुलेट हुआ, जिसमें इसे कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम बताया गया
- सोशल मीडिया पर वायरल दावों को लेकर डेटॉल बनाने वाली कंपनी ने इस पर सफाई दी है
नई दिल्ली : कोरोना वायरस दुनियाभर में तबाही मचा रहा है। दुनियाभर में इस घातक वायरस के संक्रमण से 9,020 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 2 लाख से अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। अब तक न तो इसका सही कारण पता चल पाया है और न ही इसका उपचार ढूंढ़ा जा सका है, जिसके मद्देनजर लोगों में इसे लेकर स्वाभाविक तौर पर खौफ है। लेकिन डर के इस माहौल में सोशल मीडिया पर कई ऐसी बातें सामने आ रही हैं, जो लोगों में भ्रम और बढ़ा रही हैं। इसी क्रम में डेटोल का जिक्र भी आया है, जो डिस्इंफेक्टेंट के तौर पर घर-घर में इस्तेमाल किया जाता है।
डेटॉल कितना कारगर?
सोशल मीडिया पर डेटॉल डिस्इंफेंक्टेंट स्प्रे का एक रैपर तेजी से सर्कुलेट हुआ, जिसमें इसे कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम बताया गया। इसके बाद यह टि्वटर के टॉप ट्रेंड्स में छा गया, जिसे एंफ्लुएंजा टाइप ए2, हर्पीज सिम्लेक्स, एचआईवी1, ह्यूमन कोरोना वायरस, एवियन फ्लू टाइप एच1एन1 और एचएसएन1 सहित कई तरह के जर्म्स को खत्म करने में कारगर बताया गया।
डेटॉल यूके ने दी सफाई
हालांकि डेटॉल यूके ने फेसबुक पर 31 जनवरी को ही साफ किया कि यह प्रोडक्ट MERS-CoV और SARS-CoV जैसे कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी है। लेकिन नए वायरस COVID-19 के लिए फिलहाल इसका टेस्ट नहीं हुआ है। इसलिए इस बारे में साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि यह नोवेल कोरोना वायरस से लड़ने में कितना सक्षम होगा। इस सफाई के बाद भी सोशल मीडिया पर इसे लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं।
बाद में डेटॉल बनाने वाली कंपनी रेकिट बेकिंजर ने भी एक यूजर को जवाब देते हुए कहा कि मौजूदा समय में दुनिया में तबाही मचाने वाला वायरस MERS-CoV और SARS-CoV जैसे पुराने वायरस से काफी मिलता-जुलता है, लेकिन यह नए किस्म का संक्रमण है और इसे लेकर अभी टेस्टिंग नहीं हुई है, बल्कि वे इसका पता लगाने की कोशिश में ही जुटे हुए हैं कि इस वायरस का संक्रमण आखिर कहां से शुरू हुआ।
कोरोना वायरस ने मचाई तबाही
कोरोना वायरस चीन के शहर वुहान से शुरू हुआ बताया जा रहा है, जिसने देखते ही देखते पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। चीन के बाद अब यूरोप इससे सर्वाधिक प्रभावित नजर आ रहा है, जहां इटली में इसने बड़ी तबाही मचाई है। हालांकि यहां इस वायरस का प्रकोप चीन के बाद शुरू हुआ, लेकिन यहां इस घातक संक्रमण से होने वाली मौतों का अनुपात चीन से कहीं अधिक हो गया है। इटली सहित पूरे यूरोप में इस घातक संक्रमण से 4,134 लोगों की जान गई है, जबकि चीन सहित पूरे एशिया में 3,416 लोगों ने इस घातक संक्रमण के कारण अपनी जानें गंवाई हैं।