- हरिद्वार से आया अजीबोगरीब मामला
- बारात में बुलाकर भी नहीं ले गया दूल्हा
- गुस्साए दोस्त ने कर दिया मानहानि का मुकदमा
Angry Groom Friend: उत्तराखंड से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दोस्त ने दूल्हे को निमंत्रण देने के बाद भी बारात में नहीं ले जाने को लेकर 50 लाख रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। इसके साथ ही दोस्त ने दूल्हे पर मानसिक प्रताड़ना का भी आरोप लगाया है। यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। मामला हरिद्वार का है। रवि नामक दूल्हे ने अपने दोस्त चंद्रशेखर को अपनी शादी का कार्ड दिया था, लेकिन चंद्रशेखर के पहुंचने से पहले ही बारात लेकर चला गया था।
इस बात से दूल्हे का दोस्त चंद्रशेखर नाराज हो गया। इसके बाद उसने बारात में न ले जाने पर दूल्हे रवि पर मानहानि का मुकदमा कर दिया और उसे 50 लाख रुपये का कानूनी नोटिस भेज दिया। इस खबर ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। यह सुनने में भले ही अजीब लग रहा है, लेकिन 100 फीसदी सच है। हरिद्वार के अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने इस बाबत जानकारी दी कि बहादराबाद के रहने वाले रवि की शादी थी तो उसने अपने दोस्त चंद्रशेखर को विवाह का न्यौता दिया था। इसके अलावा उसने चंद्रशेखर को बारात में भी चलने के लिए कहा था।
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दोस्त के पहुंचने से पहले बारात लेकर निकल गया दूल्हा
अधिवक्ता अरुण भदौरिया के अनुसार, बहादराबा के आराध्य कॉलोनी निवासी रवि की शादी बिजनौर की अंजू से 23 जून को हुई। दूल्हे रवि ने अपने दोस्त चंद्रशेखर को 23 जून की शाम 5 बजे बारात में पहुंचने के लिए कहा था। इसके बाद चंद्रशेखर शाम 4 बजकर 50 मिनट पर निर्धारित जगह पर पहुंच भी गया था। हालांकि, वहां जाकर पता चला कि बारात पहले ही निकल चुकी है। इसके बाद चंद्रशेखर ने दूल्हे रवि को फोन किया तो रवि ने बताया कि बारात निकल चुकी है। दूल्हे ने अपने दोस्त से यह भी कह दिया कि वह वापस चला जाए। इस बात से चंद्रशेखर को बहुत दुख पहुंचा। इससे उसे मानसिक प्रताड़ना भी हुई।
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इससे चंद्रशेखर इतना आहत हुआ कि अधिवक्ता अरुण भदौरिया के माध्यम से उसने दूल्हे रवि को मानहानि का नोटिस भिजवा दिया। इसमें लिखा गया है कि दूल्हा रवि तीन दिन के भीतर माफी मांगे और हर्जाने के तौर पर 50 लाख रुपए दे। अगरर दूल्हा रवि ऐसा नहीं करता है तो कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने बताया कि चंद्रशेखर इतना अधिक अपमानित महसूस कर रहा था कि वह आत्महत्या करना चाहता था। इसके बाद उन्होंने उसे न्याय दिलाने का भरोसा देकर आत्महत्या करने से रोका।