भागलपुर। कहते हैं कि शादियां तो स्वर्ग में तय होती है उसे जमीन पर हम सिर्फ अंजाम तक पहुंचाते हैं। यह सच भी है, अगर ऐसा ना होता तो उत्तम मंडल और सपना सप्तपदी को दोहरा कर सात फेरों के बंधन में ना बंधे होते। लेकिन आगे चलकर इन दोनों के बीच तीसरा शख्स राजू कुमार आया जिसे सपना दिल बैठी। शुरू शुरू में पति उत्तम मंडल को यह सब नागवार तो लगा। लेकिन पत्नी के लिए बेपनाह मोहब्बत में उसने एक बड़ा फैसला किया जो इस समय चर्चा के केंद्र में है।
पत्नी के लिए सात फेरों के बंधन से किया आजाद
सपना अब उत्तम मंडल की धर्मपत्नी नहीं हैं, बल्कि उनके साजन का नाम उत्तम से राजू कुमार हो चुका है और यहीं से रियल लाइफ की कहानी शुरू हो जाती है। दरअसल सात साल पहले उत्तम मंडल और सपना एक दूसरे के साथ सात फेरों में बंधे। ऐसा नहीं था कि सपना को अपने पति उत्तम मंडल से प्यार नहीं था। ये बात अलग थी कि सपना के प्यार के कुछ हिस्से पर रिश्ते में लगने वाले राजू ने अपना कब्जा जमा। दोनों के नैनों की दोस्ती इस हद तक पहुंची की सपना के ख्यालों में सिर्फ राजू कुमार रहने लगा।
पति को लगा था नागवार फिर भी
शुरुआत में सपना के पति को यह सब नागवार लगा। उत्तम मंडल ने अपने दोनों बच्चों की दुहाई भी दी। लेकिन सपना तो अब राजू के दिल में कैद हो चुकी थी। उत्तम मंडल को जब लगा कि अब उसका रिश्ता आगे नहीं चल सकेगा तो उसने सपना को सात फेरों के बंधन से आजाद करने का फैसला किया और उसने अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी राजू कुमार से करा दी।