मैथिलिल : देशभर में कोरोना के कहर के बीच पिछले आठ महीनों में हमने लोगों को 'गो कोरोना गो' और 'कोरोना भाग जा' कहते हुए ही सुना है, लेकिन केरल के एक शहर में इन दिनों 'कोरोना' नाम बड़े प्यार से लिया जा रहा है। कोल्लम नगर निगम के मैथिलिल वार्ड में एक महिला हाथ जोड़कर मुस्कराते हुए अपना परिचय लोगों को कोरोना के रूप में देती है और उनकी बातों को ध्यान से सुनते भी हैं।
मैथिलिल वार्ड में अनूठे अंदाज में अपना परिचय देने वाली यह महिला कोरोना थॉमस हैं, जो यहां अगले माह होने वाले निकाय चुनावों में इस वार्ड से बीजेपी की प्रत्याशी हैं। चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना मास्क और ग्लब्स पहनकर घर-घर जाती हैं और लोगों से संपर्क साधती हैं। 24 वर्षीय कोरोना थॉमस लोगों को सैनिटाजर देती हैं और अपने पक्ष में वोट मांगती हैं। जनसभा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, वह इसे भी सुनिश्चित करती हैं।
पहले नाम से होती थी चिढ़
बकौल कोरोना थॉमस, जब कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत हुई और यह संक्रामक रोग दुनियाभर में तबाही मचाने लगा तब उन्हें अपने नाम को लेकर संकोच हो ता था। 'गो कोरोना' और 'किल कोरोना' जैसे नारों ने उन्हें परेशान कर दिया। हालांकि बाद में यही नाम उनके लिए आशीर्वाद बन गया। वह कहती हैं, 'मेरे नाम के कारण हर कोई मुझे प्रचार के दौरान पहचान जाता है और याद रखता है। मैं जहां भी जाती हूं, लोग खुशी मिश्रित हैरानी के साथ मुझे बुलाते हैं। मुझे आशा है कि यह नाम मतदाताओं को चुनाव के दिन मुझे याद रखने और उन्हें मेरे पक्ष में वोट देने में मदद करेगा।'
कोरोना थॉमस का यह नाम कैसे पड़ा, इस बारे में उन्होंने बताया कि उनके पिता थॉमस फ्रांसिस ने उनके और उनके जुड़वां भाई के लिए दो ऐसे नाम चुने, जो अलग हटकर थे। बेटी के लिए जहां उन्होंने कोरोना नाम चुना, वहीं बेटे का नाम कोरल थॉमस रखा। तब उन्होंने जो सोचकर बेटी का नाम कोरोना रख था, उसका आशय प्रकाशपुंज से था। तब उन्होंने शायद ही सोचा था कि कोरोना नाम का वायरस दुनिया में तबाही मचाएगा।
कोरोना थॉमस ने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया है। अक्टूबर में उनके बच्चे का जन्म हुआ, जब दोनों इस वायरस की चपेट में आ गए। हालांकि वे इससे उबरने में सफल रहे। कोरोना थॉमस को उम्मीद है कि अगले माह जब बैलट बॉक्स खुलेंगे तो उनकी किस्मत चमक जाएगी।