- गूगल पर सर्च में 'कन्नड़' को सबसे भद्दी भाषा बताया गया था
- कन्नड भाषा करीब 2,500 साल पहले अस्तित्व में आई थी।
- कन्नड भाषा बोलने वालों ने भारत में ही नहीं दुनिया भर में नाम कमाया।
गूगल पर सर्च में 'कन्नड़' को सबसे भद्दी भाषा बताया गया था। इसके बाद से भारतीयों में गूगल के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है। खास करके कन्नड़ बोलने वालों में काफी आक्रोश है। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने गूगल की निंदा की। हालांकि बढ़ते विवाद के बीच सर्च इंजन गूगल ने भारत में सबसे भद्दी (अगलिएस्ट) भाषा पूछे जाने वाले सवाल पर आने वाले जवाब से कन्नड को हटा लिया। गूगल ने लोगों से खेद जताते हुए कहा कि सर्च के रिजल्ट में उसकी राय नहीं होती है। उधर कर्नाटक सरकार ने कहा कि कानूनी नोटिस भेजा जाएगा।
गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा कि सर्च हमेशा पूरी तरह परफैक्ट नहीं होती। कई बार इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट के विशेष सवालों के लिए आश्चर्यजनक रिजल्ट हो सकते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि हम जानते हैं कि यह आदर्श नहीं है, लेकिन जब हमें किसी मुद्दे से अवगत कराया जाता है तो हम तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करते हैं और अपने अल्गोरिद्म को सुधारने के लिए लगातार काम करते हैं। स्वाभाविक रूप से इनमें गूगल की अपनी राय नहीं होती और हम इस गलतफहमी के लिए और किसी की भी भावनाओं को आहत करने के लिए खेद जताते हैं। फिर भी लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ है। सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं और इस भाषा की विशेषता बता रहे हैं।
कन्नड़ भाषा की विशेषता
- कन्नड भाषा का अपना इतिहास है और यह करीब 2,500 साल पहले अस्तित्व में आई थी।
- यह भाषा सदियों से कन्नडिगा लोगों के लिए गौरव रही है।
- कन्नड़ भारत की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है।
- कन्नड़ भारत की प्रमुख भाषाओं में से एक है।
- सिर्फ कर्नाटक में ही 5.7 करोड़ लोग कन्नड़ बोलते हैं।
- यह कर्नाटक की आधिकारिक भाषा है।
- कन्नड़ साहित्य के आठ विद्वान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजे गए।
- आचार्य विनोबा भावे ने कन्नड़ लिपि को 'दुनियाभर की लिपियों में महारानी' का दर्जा दिया था।
- रागले साहित्य केवल कन्नड़ में पाया जाता है।
बेंगलुरू मध्य से भाजपा सांसद पी सी मोहन ने गूगल सर्च का स्क्रीनशॉट अपने ट्विटर हैंडल पर साझा करते हुए कहा कि कर्नाटक में महान विजयनगर साम्राज्य तथा कन्नड भाषा का समृद्ध इतिहास और अनूठी संस्कृति रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में शामिल कन्नड के महान विद्वान रहे हैं जिन्होंने 14वीं सदी में जॉफरी चॉसर के जन्म से पहले महाकाव्य लिखे थे। गूगल इंडिया माफी मांगो। पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने ट्वीट करके गूगल की निंदा की। कन्नड भाषा बोलने वालों ने भारत में ही नहीं दुनिया भर में नाम कमाया। कुछ बड़े नाम नीचे हैं।
कन्नड भाषा बोलने वाली हस्तियों के नाम इस प्रकार हैं:-
- सर सीवी रमन (नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक)
- सर एम विश्वेश्वरैया (भारतीय इंजिनियरिंग के पिता)
- फील्ड मार्शल केएम करियप्पा (भारत के पहले फील्ड मार्शल)
- नारायण मूर्ति (इंफोसिस फाउंडर)
- अजीम प्रेमजी (विप्रो चेयरमैन)
- पंडित भीमसेन जोशी (भारत रत्न विजेता गायक)
- गंगूबाई हंगल (मशहूर गायिका)
- आरके नारायण (लेखक)
- गिरीश कर्नाड ( लेखक, अभिनेता)
- रजनीकांत (ऐक्टर)
- ऐश्वर्या राय (अभिनेत्री)
- शंकर नाग (ऐक्टर)
- अनिल कुम्बले (क्रिकेटर)
- जवागल श्रीनाथ (क्रिकेटर)
- राहुल द्रविड़ (क्रिकेटर)
- लोकेश राहुल (क्रिकेटर)
- प्रकाश पादुकोण (बैडमिंटन प्लेयर)
- महेश भूपति (टेनिस प्लेयर)
- डॉ एच नरसिम्हा (फिजिसिस्ट, फ्रीडम फाइटर)