Digital Rakhi : कोविड-19 महामारी से बचाव को लेकर आवश्यक सुरक्षा उपायों के मद्देनजर इस साल रक्षा-बंधन पर ओडिशा में कई भाई-बहनों ने यह त्योहार मनाने के लिए डिजिटल माध्यम का सहारा लिया। हर साल के विपरीत, इस साल त्योहार का उत्साह फीका रहा। भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह का प्रतीक रक्षा-बंधन का त्योहार इस बार लोगों ने सादगी से मनाया और लोग कोविड-19 महामारी के कारण सामाजिक दूरी के मानदंड का पालन करते हुए घरों में ही रहे। कई लोगों ने डिजिटल माध्यम से यह त्योहार मनाया और बहनों ने ई-राखी भेजीं।
गौर हो कि कोविड-19 महामारी के बीच यह उत्सव मनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म एक प्रमुख माध्यम बनकर उभरा है। अधिकतर भाई-बहनों ने राखियां खरीदने के लिए बाजार जाने के बजाय ऑनलाइन ऑर्डर को प्राथमिकता दी। लॉकडाउन के कारण बाजार से रौनक गायब रही। कई लोगों ने डाक या कूरियर सेवा के माध्यम से राखियां भेजी।
इस बीच, ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा प्रताप सारंगी ने रक्षा बंधन के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल ने एक संदेश में कहा, इस त्योहार का जो संदेश है, वह सभी के लिए महत्वपूर्ण है। पटनायक ने कहा कि गम्हा या राखी पूर्णिमा के अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से शांति और मित्रता के संदेश के साथ यह पवित्र बंधन और अधिक मजबूत हो।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा और ओडिशा कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने भी इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं।
इस त्योहार का ओडिशा में बहुत महत्व है क्योंकि इसे गम्हा पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है जो भगवान बलभद्र का जन्मदिन है। इस दिन, पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर में देवी सुभद्रा अपने दोनों भाइयों- भगवान बलभद्र और भगवान जगन्नाथ को स्नेह का यह अनमोल धागा बांधती हैं।
प्रसिद्ध कलाकार सुदर्शन पटनायक ने रक्षा बंधन के अवसर पर कोविड योद्धाओं के सम्मान में पुरी समुद्र तट पर बालू से एक चित्र बनाया। इसमें उन्होंने लिखा कि वे लोगों को बचाने के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं।