नई दिल्ली : पिता का नाम मध्य प्रदेश और बेटे का नाम भोपाल..सुन कर अजीब लग रहा है ना लेकिन ये सच है। मध्य प्रदेश में एक बाप जिसका नाम एक राज्य है उसने अपने बेटे का नाम राजधानी पर रखा है। उसने कहा कि पिता राज्य तो बेटा राजधानी। मध्य प्रदेश के 64वें स्थापना दिवस पर सामने आई इस बाप बेटे की कहानी बेहद रोचक है। बता दें कि 31 अक्टूबर को मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया गया।
हालांकि यहां बाप की उम्र 64 साल नहीं है बल्कि 34 साल है। मध्य प्रदेश शहीद चंद्रशेखर आजाद गवर्नमेंट कॉलेज झाबुआ में भूगोल पढ़ाते हैं। चौंकिए मत, यहां मध्य प्रदेश नाम के एक व्यक्ति की बात की जा रही है। इसमें आपको कोई आश्चर्य नहीं होगा कि उसने अपने बेटे का नाम भोपाल रखा है।
उसने बताया कि पिता राज्य तो पुत्र राजधानी। इस रोचक नाम के पीछे भी एक कहानी है जिसे उसने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए बताया। मध्य प्रदेश सिंह अमलावर ने बताया कि वह नौ भाई बहन है। वह उसमें से सबसे छोटा है। उसके पिता मदन सिंह अमलावर एक अशिक्षित व्यक्ति थे।
उसे सरकारी ऑफिसर के द्वारा बिना गलती के खूब डांट लगाई था। इस बात का हमें बेहद बुरा लगा था। इसके बाद उन्होंने अपने छोटे बेटे का नाम मध्य प्रदेश रखने का फैसला किया ताकि अधिकारी लोग सम्मान के साथ उसके बेटे का नाम एमपी सिंह लेंगे। उसने बताया कि कोई भी उसके इस नाम पर विश्वास नहीं करता था।
जब मैंने 10 और 12वीं की परीक्षा के फॉर्म भरे तो लोगों को विश्वास हुआ। बाद में स्नातक, स्नातकोत्तर और फिर एमफिल की डिग्री पूरी की। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के टाचर्स उसके नाम को काफी सम्मान से लिया करते थे। एमपी सिंह की पत्नी किरण ने बताया कि पहले मुझे भी उनका नाम सुनकर अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ।
इसके बाद उन्होंने अपना आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाया। अब मुझे अपने पति पर गर्व होता है। इनके पहले से ही एक बेटी है और हाल ही में उन्हें पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई है जिसका नाम इन्होंने भोपाल सिंह रखा है। चूंकि वे खुद भूगोल के टीचर हैं इसलिए बेटी का भी नाम उन्होंने प्रकृति रखा है।
उसने बताया कि इन दोनों बच्चों के जन्म के पहले ही उसने इन दोनों का नाम सोच लिया था। एक अन्य दिलचस्प बात बताते हुए कहा कि उनका (एमपी सिंह) जन्म 5 सितंबर को हुआ है जो इस बात का संकेत था कि मुझे टीचिंग में ही करियर बनाना था और आज वे एक सफल टीचर हैं।