नई दिल्ली : क्लाइमेट चेंज का जबरदस्त असर पूरी दुनिया पर पड़ा है। इसका सीधा असर लोगों के लाइफस्टाइल पर दिख रहा है। किसी के शारीरिक स्वास्थ्य पर इसका असर दिख रहा है तो कहीं पर इसका सीधा असर लोगों के मानसिक दशा पर दिख रहा है। दुनिया में एक ऐसी भी जगह है जहां पर लोग बातें करते-करते या फिर चलते-चलते नींद के आगोश में चले जा रहे हैं।
ये मामला कजाकिस्तान से सामने आया है। यहां के कलांची गांव में एक ऐसी बीमारी फैल रही है जिससे पीड़ित लोग राह चलते-चलते नींद के आगोश में चले जा रहे हैं। कुछ के साथ तो ऐसी समस्या है कि ये सो जाते हैं तो फिर ये महीनों-महीनों तक नहीं उठते। फिर जब ये सोकर उठते हैं तो उन्हें पिछली बातें बिल्कुल भी याद नहीं रहती।
आपको बता दें कि कजाकस्तान के इस गांव में ये मामला पहली बार साल 2010 में सामने आया था, जब कुछ बच्चे स्कूल में अचानक से खड़े-खड़े सो गए। इस पर वैज्ञानिक लंबे समय से रिसर्च कर रहे हैं हालांकि अभी तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचा नहीं जा सका है।
कुछ जानकारों का मानना है कि इलाके में यूरेनियम माइंस है।
यूनेनियम से निकली गैस शरीर पर काफी असर डालती है जिससे शरीर पर सुस्ती छाने लगती है और कोई भी व्यक्ति तुरंत नींद के आगोश में चला जाता है। इससे लोग बेहोश तक हो जाते हैं। इसका असर इस कदर तक हो रहा है कि बड़ी संख्या में लोग यहां से पलायन कर सुरक्षित जगहों पर पहुंच रहे हैं।
इस गांव का निक नेम लोगों ने स्लीपी हॉलो (Sleepy Hollow) रख दिया है। एक बार में लोग 48-48 घंटों के लिए सो जा रहे हैं। इसका असर ये भी पड़ रहा है कि मर्दों को सेक्स की इच्छा भी तेजी से बढ़ रही है।
जब यूरेनियम से ऐसी गैस निकलती है तो हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का स्तर बढ़ जाता है और ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है।