- आज स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयंती
- 1984 में स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान
- स्वामी विवेकानंद विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे
हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। 1984 में भारत सरकार ने इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया और 1985 के बाद से यह कार्यक्रम हर साल भारत में मनाया जाता है। इस संदर्भ में भारत सरकार का विचार था कि ऐसा अनुभव हुआ कि स्वामी जी का दर्शन एवं स्वामी जी के जीवन तथा कार्य के पश्चात निहित उनका आदर्श यही भारतीय युवकों के लिए प्रेरणा का बहुत बड़ा स्रोत हो सकता है।
इस दिन देशभर के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं, रैलियां निकाली जाती हैं और योगासन की स्पर्धा आयोजित की जाती है। इसके अलावा पूजा-पाठ होता है; व्याख्यान होते हैं; विवेकानंद साहित्य की प्रदर्शनी लगती है।
युवाओं में बेहद लोकप्रिय विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद का नाम इतिहास में एक ऐसे विद्वान के रूप में दर्ज है, जिन्होंने मानवता की सेवा को अपना सर्वोपरि धर्म माना। संन्यासी स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को बंगाल में हुआ था। स्वामी विवेकानंद अपने ओजपूर्ण और बेबाक भाषणों के कारण काफी लोकप्रिय हुए, विशेषकर युवाओं में। उन्होंने मानवता की सेवा एवं परोपकार के लिए 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इस मिशन का नाम विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रखा। भारतीय युवकों के लिए स्वामी विवेकानंद से बढ़कर कोई दूसरा नेता नहीं हो सकता। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था।
स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय बताता है कि 39 साल के संक्षिप्त जीवनकाल में स्वामी विवेकानंद जो काम कर गए वे आने वाली अनेक शताब्दियों तक पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे। 25 वर्ष की अवस्था में उन्होंने गेरुआ वस्त्र धारण कर लिए थे। तत्पश्चात उन्होंने पैदल ही पूरे भारतवर्ष की यात्रा की।
राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। समारोह के दौरान महोत्सव के तीन राष्ट्रीय विजेता भी अपने विचार व्यक्त करेंगे। राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव (एनवाईपीएफ) का उद्देश्य 18 से 25 वर्ष के बीच के युवाओं के विचारों को सुनना है जो मतदान करने का अधिकार रखते हैं और आने वाले वर्षों में सार्वजनिक सेवाओं सहित विभिन्न सेवाओं में शामिल होंगे। एनवाईपीएफ की अवधारणा प्रधानमंत्री के 31 दिसंबर, 2017 को अपने मन की बात के संबोधन में व्यक्त किए गए विचार पर आधारित है।